प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली - 65 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है श्री नारायणी पीठ /मंदिर ,श्रीपुरम ,वेल्लूर [तमिलनाडु].
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
कल 16 मार्च 2010 को नव संवत प्रारम्भ हो रहा है तो सब से पहले आप सभी को हिन्दू नव वर्ष की ढेरों मंगल कामनाएं.
चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा या वर्ष प्रतिपदा या उगादि (युगादि) कहा जाता हैं, इस दिन हिन्दू नववर्ष का आरम्भ होता है.
ब्रह्म पुराण के अनुसार चैत्रमास के प्रथम दिन ही ब्रह्मा ने सृष्टि संरचना प्रारंभ की थी.इसी प्रतिपदा के दिन आज से 2054 वर्ष पूर्व उज्जयनी नरेश महाराज विक्रमादित्य ने विदेशी आक्रांत शकों से भारत-भू का रक्षण किया और इसी दिन से काल गणना प्रारंभ की. उपकृत राष्ट्र ने भी उन्हीं महाराज के नाम से विक्रमी संवत कह कर पुकारा.
सबसे प्राचीन कालगणना के आधार पर ही प्रतिपदा के दिन को विक्रमी संवत के रूप में अभिषिक्त किया. इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान रामचंद्र के राज्याभिषेक अथवा रोहण के रूप में मनाया गया. यह दिन ही वास्तव में असत्य पर सत्य की विजय दिलाने वाला है.
अब चलते हैं पहेली में पूछे गए स्थान की तरफ-
श्री नारायणी पीठ /मंदिर ,श्रीपुरम ,वेल्लूर [तमिलनाडु]
तमिलनाडु राज्य के ३२ जिलों में से एक है वेल्लोर या वेल्लूर .चेन्नई से 145 किमी. की दूरी पर पलार नदी के किनारे यह शांत एवं छोटी जगह ऐतिहासिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है.यहां कई वंशों जैसे पल्लव, चोल, नायक, मराठा, अरकोट नवाब और बीजापुरी सुल्तान ने शासन किया था.
यहाँ का 'वेल्लोर किला' बहुत प्रसिद्द है.इसके साथ ही यहाँ का स्वर्ण मंदिर भी पर्यटकों में काफी लोकप्रिय है.
भारत के उत्तरी राज्य अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के बाद दक्षिण भारत में बना स्वर्ण मंदिर इसी जिले के श्रीपुरम में स्थित है .यह देवी नारायणी का मंदिर है.इस मंदिर को अगस्त २४, २००७ में जनता के लिए खोल दिया गया था.
थिरुमलाई कोड गाँव में स्थित इस मंदिर को महालक्ष्मी मंदिर, श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर आदि कई नामों से पुकारते हैं.
सौ एकड़ में फैला यह मंदिर लगभग चार सौ करोड़ रुपयों के लागत से बना है .८०० मजदूरों /कारीगरों ने इस का निर्माण ७ साल में पूरा किया.
असली सोने की परतों को इस तरह से लगाया गया है कि कोई भी आसानी से चुरा न सका.एक कथन के अनुसार यहाँ से अगर कोई सोना चुराना चाहेगा तो उसे इसे निकालने में लागत ,प्राप्त सोने कि कीमत से अधिक लगेगी.
मुख्य भवन तक जाने के लिए एक विशिष्ट सितारेनुमा परिक्रमा स्थल से होते हुए जाना पड़ता है.यहाँ जाने के लिए ड्रेस कोड भी ध्यान में रखना चाहिये.मुख्य भवन ५५०० वर्ग फुट में है.
sripuram
मंदिर के बाहरी भवन में सोने के 36 खम्बे और क्रिस्टल के 15 झालर लगे हुए हैं.देवी की प्रतिमा को स्वर्ण और अन्य आभूषणों से अलंकृत किया गया है.यहाँ फोटोग्राफी करना मना है.
श्री शक्ति अम्मा का कहना है कि यह मंदिर सम्पूर्ण मानवता से असीम प्रेम का उदाहरण है और मानवता को ही समर्पित है.
मंदिर की अधिकारिक साईट
-http://www.sripuram.org/
http://www.narayanipeedam.org/
अभी के लिये इतना ही. अगले शनिवार एक नई पहेली मे आपसे फ़िर मुलाकात होगी.
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
श्री रतनसिंह शेखावत
श्री संजय भास्कर
श्री ललित शर्मा
श्री सुशील कुमार छौंक्कर
श्री अंतर सोहिल
सुश्री निर्मला कपिला
श्री M VERMA
श्री Shree Ram Distributors
सुश्री वंदना
श्री राज भाटिया
डा.रुपचंद्रजी शाश्त्री "मयंक,
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
आप सभी को मेरा नमस्कार,
पहेली में पूछे गये स्थान के विषय में संक्षिप्त और सारगर्भीत जानकारी देने का यह एक लघु प्रयास है.
आशा है, आप को यह प्रयास पसन्द आ रहा होगा,अपने सुझाव और राय से हमें अवगत अवश्य कराएँ.
कल 16 मार्च 2010 को नव संवत प्रारम्भ हो रहा है तो सब से पहले आप सभी को हिन्दू नव वर्ष की ढेरों मंगल कामनाएं.
चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा या वर्ष प्रतिपदा या उगादि (युगादि) कहा जाता हैं, इस दिन हिन्दू नववर्ष का आरम्भ होता है.
ब्रह्म पुराण के अनुसार चैत्रमास के प्रथम दिन ही ब्रह्मा ने सृष्टि संरचना प्रारंभ की थी.इसी प्रतिपदा के दिन आज से 2054 वर्ष पूर्व उज्जयनी नरेश महाराज विक्रमादित्य ने विदेशी आक्रांत शकों से भारत-भू का रक्षण किया और इसी दिन से काल गणना प्रारंभ की. उपकृत राष्ट्र ने भी उन्हीं महाराज के नाम से विक्रमी संवत कह कर पुकारा.
सबसे प्राचीन कालगणना के आधार पर ही प्रतिपदा के दिन को विक्रमी संवत के रूप में अभिषिक्त किया. इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान रामचंद्र के राज्याभिषेक अथवा रोहण के रूप में मनाया गया. यह दिन ही वास्तव में असत्य पर सत्य की विजय दिलाने वाला है.
अब चलते हैं पहेली में पूछे गए स्थान की तरफ-
श्री नारायणी पीठ /मंदिर ,श्रीपुरम ,वेल्लूर [तमिलनाडु]
तमिलनाडु राज्य के ३२ जिलों में से एक है वेल्लोर या वेल्लूर .चेन्नई से 145 किमी. की दूरी पर पलार नदी के किनारे यह शांत एवं छोटी जगह ऐतिहासिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है.यहां कई वंशों जैसे पल्लव, चोल, नायक, मराठा, अरकोट नवाब और बीजापुरी सुल्तान ने शासन किया था.
यहाँ का 'वेल्लोर किला' बहुत प्रसिद्द है.इसके साथ ही यहाँ का स्वर्ण मंदिर भी पर्यटकों में काफी लोकप्रिय है.
भारत के उत्तरी राज्य अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के बाद दक्षिण भारत में बना स्वर्ण मंदिर इसी जिले के श्रीपुरम में स्थित है .यह देवी नारायणी का मंदिर है.इस मंदिर को अगस्त २४, २००७ में जनता के लिए खोल दिया गया था.
थिरुमलाई कोड गाँव में स्थित इस मंदिर को महालक्ष्मी मंदिर, श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर आदि कई नामों से पुकारते हैं.
सौ एकड़ में फैला यह मंदिर लगभग चार सौ करोड़ रुपयों के लागत से बना है .८०० मजदूरों /कारीगरों ने इस का निर्माण ७ साल में पूरा किया.
असली सोने की परतों को इस तरह से लगाया गया है कि कोई भी आसानी से चुरा न सका.एक कथन के अनुसार यहाँ से अगर कोई सोना चुराना चाहेगा तो उसे इसे निकालने में लागत ,प्राप्त सोने कि कीमत से अधिक लगेगी.
मुख्य भवन तक जाने के लिए एक विशिष्ट सितारेनुमा परिक्रमा स्थल से होते हुए जाना पड़ता है.यहाँ जाने के लिए ड्रेस कोड भी ध्यान में रखना चाहिये.मुख्य भवन ५५०० वर्ग फुट में है.
मंदिर के बाहरी भवन में सोने के 36 खम्बे और क्रिस्टल के 15 झालर लगे हुए हैं.देवी की प्रतिमा को स्वर्ण और अन्य आभूषणों से अलंकृत किया गया है.यहाँ फोटोग्राफी करना मना है.
श्री शक्ति अम्मा का कहना है कि यह मंदिर सम्पूर्ण मानवता से असीम प्रेम का उदाहरण है और मानवता को ही समर्पित है.
मंदिर की अधिकारिक साईट
-http://www.sripuram.org/
http://www.narayanipeedam.org/
अभी के लिये इतना ही. अगले शनिवार एक नई पहेली मे आपसे फ़िर मुलाकात होगी.
आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!
प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.
सुश्री रेखा प्रहलाद अंक 101 |
श्री रजनीश परिहार अंक 100 |
श्री विवेक रस्तोगी अंक 99 |
सुश्री सीमा गुप्ता अंक 98 |
श्री उडनतश्तरी अंक 97 |
श्री मो सम कौन? अंक 96
|
सुश्री बबली अंक 95 |
श्री काजलकुमार अंक 94 |
श्री दिनेशराय द्विवेदी अंक 93 |
|
श्री नीरज गोस्वामी अंक 91 |
श्री संजय बेंगाणी अंक 90 |
श्री हिमांशु । Himanshu अंक 89 |
डा.महेश सिन्हा अंक 88 |
श्री सैयद | Syed अंक 87 |
श्री Chandra Prakash अंक 86
|
श्री रविकांत पांडे अंक 85 |
श्री चंदन कुमार झा अंक 84 |
श्री जीतेंद्र अंक 83 |
श्री प्रकाश गोविंद अंक 82 |
प. श्री. डी. के. शर्मा “वत्स” अंक 81 |
सुश्री Sethu अंक 80 |
श्री M VERMA अंक 79 |
श्री रामकृष्ण गौतम अंक 78 |
श्री सतीश सक्सेना अंक 77 |
श्री रोमेंद्र सागर अंक 76 |
श्री अभिषेक ओझा अंक 75 |
छपते छपते :- श्री निर्भय जैन , श्री दिलीप कवठेकर एवम श्री अविनाश वाचस्पति का भी सही जवाब आया है, जिन्हें क्रमश: 50 , 49 एवम 48 अंक दिये गये हैं. बहुत बधाई.
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
श्री रतनसिंह शेखावत
श्री संजय भास्कर
श्री ललित शर्मा
श्री सुशील कुमार छौंक्कर
श्री अंतर सोहिल
सुश्री निर्मला कपिला
श्री M VERMA
श्री Shree Ram Distributors
सुश्री वंदना
श्री राज भाटिया
डा.रुपचंद्रजी शाश्त्री "मयंक,
अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा, मंगलवार और शुक्रवार की पहेली मे शाम 6:00 बजे ताऊजी डाट काम पर आपसे फ़िर मुलाकात होगी तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.
सभी को हिन्दू नव वर्ष की ढेरों मंगल कामनाएं.
ReplyDeleteरेखा जी को बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ.
सभी विजेताओं एवं प्रतिभागियों को भी अनेक शुभकामनाएँ.
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खुद के लिए नोट: (97-90=7 अंक) :)
विजेताओं को बधाई !
ReplyDeleteसुश्री रेखा प्रह्लाद को एवं अन्य सभी प्रतिभागियों को बधाई!
ReplyDeleteआपको भी नववर्ष की मंगल कामनाएँ.
ReplyDeleteमंदिर के बारे में पढकर और चित्र देखकर वहाँ जाने की इच्छा हो रही है.
...अच्छी पोस्ट के लिए आभार.
sabhi ko badhaai!!!!
ReplyDeleteसुश्री रेखा प्रहलाद जी को बधाई
ReplyDeleteताऊ जी को राम-राम
राम प्यारे कई दिन से दिख नही रहा है।
कही कुंभ नहाने तो नही चला गया?
!! विजेताओं को बधाई और इतनी बढ़िया जानकारी देने के लिए आयोजकों का आभार !!
ReplyDeleteसभी विजेता लोगों को भी सोने सरीखी बधाइयां :)
ReplyDeleteRekhaji sahit sabhi vijetaaon ko badhaiya!!
ReplyDeleteरेखा जी सहित सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई...इस पहेली के द्वारा ही पहली बार इस मंदिर के बारे में जानकारी हुई.
ReplyDeleteregards
रेखा जी और सभी विजेताओ को हार्दिक बधाइयाँ!
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बधाई.
ReplyDeleteकिसी को सात अंक की लीड मुबारक हो... :)
उत्तरबही के साथ 100 का नोट नत्थी किया था, फिर भी सात अंक का फटका!! मास्टरजी इमानदारी जैसी चीज होती है कि नहीं :(
ज्ञानवर्धक जानकारी रही. एक बार फिर से जै हो लक्ष्मी मैया की.
vijetaon ko badhayi.
ReplyDeleteरेखा जी को बहुत बधाई .सभी देश वासियो को हिन्दू नव वर्ष की ढेरों मंगल कामनाएं.
ReplyDeleteएक भगवान के लिये जो खुद उस जगह रहता ही नही के लिये इतना कुछ , इतना महंगा भवन, ओर उस के बच्चो के लिये धक्के... ताऊ चाहे बुरा मानो मुझे यह मंदिर नही एक दुकान दारी लगती है उस भगवान के नाम से, यही कारण है मै किसी भी ऎसी जगह नही जाता जहां भगवान की अस्था को सोने चांदी के तराजू मै तोला जाता हो.
रेखा जी सहित सभी विजेताओं को बधाई.
ReplyDeleteहिन्दू नव वर्ष की ढेरों मंगल कामनाएं.
[कई नए प्रतिभागी इस बार दिखाई दे रहे हैं.उनका भी स्वागत है और आगे भी सहयोग अपेक्षित है.]
बधाई के लिए धन्यवाद! आप सभी को उगादी कि मंगल कामनाएँ!
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बधाई और बढ़िया जानकारी के लिए आयोजक मंडल का आभार!!!!
ReplyDeleteहिंदु नव वर्ष की सभी को शुभकामनायें.
ReplyDeleteविजेताओं को भी बधाईयां.
इस मंदिर में सुबह की आरती का नज़ारा, और भगवान का शृंगार बहुत ही मन मोहक है.
सभी को बधाई ।
ReplyDeleteरेखा जी को व सभी विजेताओं को बहुत बधाई और बढ़िया जानकारी के लिए आभार |
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