प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली -63 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है.बैद्यनाथ धाम, देवघर, झारखंड.
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
आप सभी को मेरा नमस्कार,
पहेली में पूछे गये स्थान के विषय में संक्षिप्त और सारगर्भीत जानकारी देने का यह एक लघु प्रयास है.
आशा है, आप को यह प्रयास पसन्द आ रहा होगा,अपने सुझाव और राय से हमें अवगत अवश्य कराएँ.
झारखंड-
अपने नाम के अनुरुप यह मूलत: एक वनप्रदेश है.प्रचुर मात्रा में खनिज की उपलबध्ता के कारण इसे भारत का 'रूर' भी कहा जाता है.
15 नवंबर,2000 [ आदिवासी नायक बिरसा मुंडा के जन्मदिन] के दिन बना यह राज्य भारत का अठ्ठाइसवाँ राज्य है.इसे बिहार के दक्षिणी हिस्से को विभाजित कर के बनाया गया है.
बिरसा मुंडा-
१५ नवंबर १८७५ को जन्मे बिरसा मुंडा , 'मुंडा लोगों' को अंग्रेजों से मुक्ति पाने के लिये अपना नेतृत्व प्रदान किया.
1894 में भयंकर अकाल और महामारी के समय बिरसा ने पूरे मनोयोग से अपने लोगों की सेवा की. 1 अक्टूबर1894 को नेता के रूप में सभी मुंडाओं को एकत्र कर इन्होंने अंग्रेजो से लगान माफी के लिये आंदोलन किया. 1895 में उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया और दो साल के कारावास की सजा दी गयी. 1897 से 1900 के बीच मुंडाओं और अंग्रेज सिपाहियों के बीच युद्ध होते रहे. 9 जून 1900 को राँची कारागर मे उनकी मृत्यु हो गयी.
बिरसा ने अपने जीवन काल में ही एक महापुरुष का दर्जा पाया, आज भी उन्हें 'धरती बाबा' के नाम से पुकारा और पूजा जाता है.
झारखंड की राजधानी रांची है.रांची के अतिरिक्त जमशेदपुर, धनबाद तथा बोकारो जैसे औद्योगिक केन्द्रों के कारण इसे अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली हुई है.
इस राज्य में 24 जिले हैं . यह आदिवासी बहुल राज्य है.सबसे बड़ा त्योहार सरहुल है जो मुख्यतः बसंतोत्सव है .छऊ प्रसिद्द लोक नृत्य है.
पूरे भारत देश में वनों के अनुपात में यह प्रदेश एक अग्रणी राज्य माना जाता है तथा वन्यजीवों के संरक्षण के लिये मशहूर है.
Reference-http://jharkhand.nic.in/
वैद्यनाथधाम -
झारखंड के देवघर में स्थित वैद्यनाथधाम जहाँ माता का हृदय गिरा था-पिछली पोस्ट में शिव-पार्वती की पौराणिक कहानी बताई थी..[शक्ति पीठों की स्थापना के विषय में ] .उसी कहानी के अनुसार].
इसकी शक्ति है जय दुर्गा और भैरव को वैद्यनाथ कहते हैं.
झारखंड के देवघर नामक स्थान में ‘ वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग '’ मौजूद है जो पहले ‘परली ‘के नाम से जाना जाता था।पौराणिक कथाओं के अनुसार रावण ,शिव जी को प्रसन्न कर शिवलिंग को लंका में स्थापित करने के लिए ले जा रहा था.भगवान शिव जी कि शर्त यह थी कि यदि लिंग लंका से पहले कहीं भी नीचे रखा गया तो वह सदा के लिए वहीं स्थापित हो जाएगा. रास्ते में उसने बैजनाथ नाम के एक चरवाहे को शिवलिंग थोड़ी देर संभालने को दिया, तो वह इतना भारी हो गया कि चरवाहे ने उसे नीचे उतार दिया। तब से यह ज्योतिर्लिंग यहीं रह गया.रावण की लाख कोशिशों के बाद भी यह हिला नहीं.मूर्ति पर अपना अंगूठा गड़ाकर लंका को चला गयां!
कहा जाता है कि रावण रोज यहां आता था और गंगाजल से शिवजी का अभिषेक करता था.ऐतिहासिक रूप से इस मंदिर की स्थापना 1596 की मानी जाती है जब बैजू नाम के व्यक्ति ने खोए हुए लिंग को ढूंढा था। तब इस इस मंदिर का नाम बैद्यनाथ पड़ गया। कई लोग इसे कामना लिंग भी मानते हैं। हर साल लाखों श्रद्धालु सावन के माह में यहां सुलतानगंज से गंगाजल लाकर यहां चढ़ाते हैं.[देवघर से 42 किमी. दूर जरमुंडी गांव के पास ‘बासुकीनाथ’ अपने शिव मंदिर के लिए जाना जाता है,]देवघर की यह यात्रा बासुकीनाथ के दर्शन के साथ सम्पन्न होती है.
शिवजी का मंदिर पार्वती जी के मंदिर से जुड़ा हुआ है.[चित्र में लाल धागा जिन मंदिरों को बाँधे दिख रहा है वह शिव और पारवती के मंदिर हैं.]बाबा बैद्यनाथ मंदिर परिसर के पश्चिम में देवघर के मुख्य बाजार में तीन और मंदिर भी हैं. इन्हें बैजू मंदिर के नाम से जाना जाता है. इन मंदिरों का निर्माण बाबा बैद्यनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी के वंशजों ने करवाया था. प्रत्येक मंदिर में भगवान शिव का लिंग स्थापित है.
दर्शन का समय: सुबह 4 बजे-दोपहर 3.30 बजे, शाम 6 बजे-रात 9 बजे तक। [please confirm it]
होली के इस शुभ अवसर पर आज एक हिंट अगली पहेली -64 के लिये आपको दे रहे हैं. अगली पहेली में हम आप को नदी किनारे देवी के एक प्रसिद्द मंदिर के दर्शन के लिए ले चलेंगे.
अभी के लिये इतना ही. अगले शनिवार एक नई पहेली मे आपसे फ़िर मुलाकात होगी.
आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!
प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब नही दे पा रहा हूं. शायद मुझे आज होली की भांग चढ गयी है. आप को सभी प्रतिभागियों की तस्वीर दिखा देता हूं.
विस्तृत जवाब कल होलीनुमा माहोल में संतू गधेडा जी देंगे. तब तक आप इस फ़ोटो से ही काम चलाईये!
ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.
परंतु कल आपको पहेली ६३ के विजेताओं और प्रतिभागियों से होली वाले दिलचस्प अंदाज में परिचित कराने आयेंगे संतू जी.
इंतजार किजिये.
सही किया ताऊ ...हमें भी चढ़ी हुई है..जबसे रामप्यारी जी के साथ होली खेली है!पर आप क्यूँ नहीं आये?
ReplyDelete!! होली की राम राम !!
ReplyDeleteताऊ आज सबसे पहले होली की शुभकामना देने तेरे दरवाजे आया हूँ , लगता है सो रहे हो अभी जगाना नहीं चाहता ! बहुत बढ़िया कम करे रहे हो यार ईश्वर आपको प्रसन्नचित रखे ! ताऊ और ताई जीवनभर मस्त रहें !
ReplyDeleteदिली शुभकामनायें !
एकदम सही जबाब दिये थे. हमारे गुरु जी श्री श्री ठाकुर अनुकूल जी महराज का आश्रम भी देवधर में ही है तो हमारा चूकना कैसे संभव था. :)
ReplyDeleteसंजय बैंगाणी का पता नहीं कि कितना बाद में आये होंगे, आज तो अच्छी लीड तनेगी.
ये रंग भरा त्यौहार, चलो हम होली खेलें
प्रीत की बहे बयार, चलो हम होली खेलें.
पाले जितने द्वेष, चलो उनको बिसरा दें,
खुशी की हो बौछार,चलो हम होली खेलें.
आप एवं आपके परिवार को होली मुबारक.
-समीर लाल ’समीर’
रंग बिरंगे त्यौहार होली की रंगारंग शुभकामनाए
ReplyDeleteram ram tau ji.......
ReplyDeleteहा हा हा टाऊ मजा आ गया ये तस्वीर देख कर मुझे तो अपनी तस्वीर सब से अच्छी लगी। होली की ताऊ डाट इन परिवार को बहुत बहुत शुभकामनायें
ReplyDeleteShubhaanallah.....!!
ReplyDeleteitani pyari holi ki rasa dard kafoor ho jaye .......!!
chehare dekh dil khush ho gya .....!!
jharkhand ke bare me jankaree milee .Birsa Munda jee ke tyag aur netratv kee jankaree se bhee avgat hokar accha laga.........
ReplyDelete:) sabki tasveeren bahut sundar lag rahi hain!
ReplyDeletebahut badhiya chitr hai!
Makrand kahan bhaaga ja raha hai???
वाह,शुभ होली..
ReplyDeleteताऊ और ताई को मेरी शेखावाटी की तरफ से होली की घणी घणी राम राम |
ReplyDeleteholi ki hardik shubhkamnayein.
ReplyDeleteहोली की शुभकामनाएँ ।
ReplyDeletehappy holi.. our bday!!
ReplyDeleteइन सब प्रतिभागियों के नाम बतलायें और मेरे ब्लॉग पर आकर दस-दस टिप्पणी दें और दो-दो रंग-बिरंगी पोस्टें इनाम में ले जाएं।
ReplyDeleteहोली के अवसर पर सेल लगी है भई सेल लगी है।
मौका न चूकें।
रंग में भीगने का।
एक अपनी असली तस्वीर भी जड़ देते ताऊजी होली के बहाने।
होली की आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनाऎँ!!!!!
ReplyDeleteहैप्पी होली ताऊ, ताई नू , आपकी भैंस नू, बिल्लन नू ..ओह वा कंपूटर पे बेठे तोते नूं.....सबनूं हैप्पी होली ...इबके तो हो ली......
ReplyDeleteअजय कुमार झा
चर्चा मंच पर लगा अपना चित्र
ReplyDeleteआदरणीया ताई जी को भी दिखा देना!
होली का शुभकामनाएँ!
शुभकामनाएँ ... होली की शुभकामनाएँ ..
ReplyDeleteताऊ यो मन्ने फ़्राक पा की बीचों बीच कैसे धर दिया आपने ..देखो कैसे घूर रहे हैं सब मन्ने
ReplyDeleteअजय कुमार झा
आज तो राम प्यारी को सब से पहले बधाई, फ़िर जबाब स्थगित करने वालो को बधाई, फ़िर होळी खेलने वालो को बधाई, यह ढोलक बहुत सुंदर बजा रहे है भांग की तरग मै समीर जी
ReplyDeleteहोली की लाखों शुभकामनायें..
ReplyDeleteहोली की बहुत बहुत बधाई प्रिय ताऊ। और रामप्यारी को पप्पी। यदि उसने उसके पहले चूहा न खाया हो तो। हा हा। रमलू गधे के लिए सूखी घास भिजवा रहे हैं। आप उसकी आँखों पर हरा चश्मा लगाकर खिलवा दीजिएगा। हा हा।
ReplyDeleteहोली पर आपको रामराम।
चढ़ी हुई है??? कितना?? पता नहीं!!!
ReplyDelete:) :) :)
होली की शुभकामनाएँ