प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली -62 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है थिकसे गोम्फा लेह (लद्दाख).
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
जम्मू और कश्मीर राज्य का एक जिला 'लद्धाख 'सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण स्थल है.
उत्तर में चीन तथा पूर्व में तिब्बत की सीमाएँ हैं.
यह देश के सबसे विरल जनसंख्या वाले भागों में से एक है.कारण साफ है यहाँ की अत्यंत शुष्क एवं कठोरजलवायु !
वार्षिक वृष्टि 3.2 इंच तथा वार्षिक औसत ताप ५ डिग्री सें. है.मुख्य नदी सिंधु है.
कुछ समय पूर्व यहाँ पर्यटन विभाग ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 'सिंधु दर्शन' उत्सव प्रारंभ किया है.
thiksey monastery
जिले की राजधानी एवं प्रमुख नगर लेह है, जिसके उत्तर में कराकोरम पर्वत तथा दर्रा है.
ऐसा कहा जाता है कि अगर लेह से 70 किलोमीटर के अर्द्धव्यास का एक गोला बनाया जाए तो लद्दाख के सभी महत्वपूर्ण मठ व महल इसमें आ जाते हैं !
बौद्धो के प्रार्थना स्थल को गोम्फा [Gompa ] कहा जाता है.
लद्धाख में देखने के लिए कई स्थल हैं जैसे स्तोक पैलेस [ लेह का राजमहल जिस का एक हिस्सा जनता दर्शन केलिए खोल दिया गया है] ,
शान्ति स्तूप [दलाई लामा ने इसका उद्घाटन किया था],स्पितुक गोम्फा ,थिकसे गोम्फा,लिकिर" गोम्फा,अलीची गोम्फा
[कहा जाता है कि अलिचि के विहार चीनी सैलानी ह्वैन साँग के समय के हैं] और हेमिसऔर शै गोम्फा भी हैं और हेमिस गोम्भा सब से शक्तिशाली बताया जाता है.
बौद्ध बहुल इस क्षेत्र की प्रादेशिक राजनीति में इस गोम्फा के लामाओं की काफी भूमिका रहती है
बोद्ध मठों के अतिरिक्त लद्धाख में दुनिया की सब से ऊँची astronomical observatory है.
Henle observatory
[for more info refer to govt site--http://www.iiap.res.in/centers/iao]
लेह से निम्मू घाटी मार्ग पर एक प्रसिद्ध गुरुद्वारा 'पत्थर साहेब' है.
सेना इसका संचालन करती है. यहाँ गुरु नानकदेवजी को नानकलामा के नाम से जाना जाता है.
लेह से १२६ किलोमीटर दूर स्थित लामायुरा से आप कारगिल देख सकते हैं. लामायुर गोम्फा के बारे में किंवदंति हैकि यहाँ पहले केवल पानी था, किसी लामा के वरदान के कारण जल में से पहाड़ी उभर कर आई और इस गोम्फा का निर्माण हुआ
लामायुरा के मन्दिर के भित्ती चित्रों के अलावा जो सब से अधिक आकर्षित करता है वह है मक्खन जी हाँ मक्खनसे बनी आकृतियाँ !मदिर के भीतर ही आप देख सकते हैं मक्खन से बने गुड्डे गुड़ियाँ मुखोटे आदि.
ऐसा सुना है कि लामायुरा में जो गुफाएं हैं वहाँ लामागुरु तपस्या करते हैं.
नुब्रा घाटी में बर्फीले पहाड़ और खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य देखने हों तो परमिट की ज़रूरत होती है.
खरदुंगा ला 18380 फीट की ऊँचाई पर स्थित है .दिस्तिक बाकी लद्दाख से काफी अलग काफी हरा भरा स्थान है
थिकसे गोम्फा -
थिकसे का अर्थ है पीला.
लेह में १२ हज़ार फीट पर पहाड़ी के ऊपर बनी हुई यह गोम्फा तिब्बती वास्तुकला का खूबसूरत उदाहरण है.
१५ वि शताब्दी में इसे शेर्ब जंगपो के भतीजे पल्दन शेराब ने बनवाया था.
12 मंजिल ऊँची इस गुम्फा में कई भवन हैं भगवान बुद्ध की मूर्तियाँ है.
रास्ते में सीढ़ियों के दोनो खूबसूरत गुलाब के फूलों की क्यारियां लगी हुई हैं. भवन में अन्दर कई मन्दिर हैं .
Ladakh Thikse Maitreya Budhda
प्रमुख मन्दिर में बुद्ध [ भविष्य का बुद्ध]की १५ मीटर ऊँची काँसे की मूर्ति इस गुम्फा का विशेष आकर्षण है.इस भव्य मूर्ति का तीनो मंजिलों से किसी भी मंजिल से दर्शन किया जा सकता है.
दीवारों पर बनी चित्रकारी अद्भुत है और बुद्ध भगवान का मुकुट बेहद अनूठा!
यह मोनास्ट्री लगभग १० छोटे मठों का प्रबंधन करती है.
चित्र में देखीये मुकुट में कई भगवानों के भव्य चित्र !
कैसे जाएँ-
लद्धाख सड़क मार्ग से देश के सभी मुख्य शहरों से जुड़ा है.
लेह में एअरपोर्ट भी है जो दिल्ली ,चंडीगढ़ ,जम्मू आदि के लिए हवाई सेवाएं देता है.
रेलवे स्टेशन - निकटतम जम्मू है.
आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!
प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.
प्रथम विजेता श्री ललित शर्मा
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
आप सभी को मेरा नमस्कार,
पहेली में पूछे गये स्थान के विषय में संक्षिप्त और सारगर्भीत जानकारी देने का यह एक लघु प्रयास है.
आशा है, आप को यह प्रयास पसन्द आ रहा होगा,अपने सुझाव और राय से हमें अवगत अवश्य कराएँ.
जम्मू और कश्मीर राज्य का एक जिला 'लद्धाख 'सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण स्थल है.
उत्तर में चीन तथा पूर्व में तिब्बत की सीमाएँ हैं.
यह देश के सबसे विरल जनसंख्या वाले भागों में से एक है.कारण साफ है यहाँ की अत्यंत शुष्क एवं कठोरजलवायु !
वार्षिक वृष्टि 3.2 इंच तथा वार्षिक औसत ताप ५ डिग्री सें. है.मुख्य नदी सिंधु है.
कुछ समय पूर्व यहाँ पर्यटन विभाग ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 'सिंधु दर्शन' उत्सव प्रारंभ किया है.
जिले की राजधानी एवं प्रमुख नगर लेह है, जिसके उत्तर में कराकोरम पर्वत तथा दर्रा है.
ऐसा कहा जाता है कि अगर लेह से 70 किलोमीटर के अर्द्धव्यास का एक गोला बनाया जाए तो लद्दाख के सभी महत्वपूर्ण मठ व महल इसमें आ जाते हैं !
बौद्धो के प्रार्थना स्थल को गोम्फा [Gompa ] कहा जाता है.
लद्धाख में देखने के लिए कई स्थल हैं जैसे स्तोक पैलेस [ लेह का राजमहल जिस का एक हिस्सा जनता दर्शन केलिए खोल दिया गया है] ,
शान्ति स्तूप [दलाई लामा ने इसका उद्घाटन किया था],स्पितुक गोम्फा ,थिकसे गोम्फा,लिकिर" गोम्फा,अलीची गोम्फा
[कहा जाता है कि अलिचि के विहार चीनी सैलानी ह्वैन साँग के समय के हैं] और हेमिसऔर शै गोम्फा भी हैं और हेमिस गोम्भा सब से शक्तिशाली बताया जाता है.
बौद्ध बहुल इस क्षेत्र की प्रादेशिक राजनीति में इस गोम्फा के लामाओं की काफी भूमिका रहती है
बोद्ध मठों के अतिरिक्त लद्धाख में दुनिया की सब से ऊँची astronomical observatory है.
[for more info refer to govt site--http://www.iiap.res.in/centers/iao]
लेह से निम्मू घाटी मार्ग पर एक प्रसिद्ध गुरुद्वारा 'पत्थर साहेब' है.
सेना इसका संचालन करती है. यहाँ गुरु नानकदेवजी को नानकलामा के नाम से जाना जाता है.
लेह से १२६ किलोमीटर दूर स्थित लामायुरा से आप कारगिल देख सकते हैं. लामायुर गोम्फा के बारे में किंवदंति हैकि यहाँ पहले केवल पानी था, किसी लामा के वरदान के कारण जल में से पहाड़ी उभर कर आई और इस गोम्फा का निर्माण हुआ
लामायुरा के मन्दिर के भित्ती चित्रों के अलावा जो सब से अधिक आकर्षित करता है वह है मक्खन जी हाँ मक्खनसे बनी आकृतियाँ !मदिर के भीतर ही आप देख सकते हैं मक्खन से बने गुड्डे गुड़ियाँ मुखोटे आदि.
ऐसा सुना है कि लामायुरा में जो गुफाएं हैं वहाँ लामागुरु तपस्या करते हैं.
नुब्रा घाटी में बर्फीले पहाड़ और खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य देखने हों तो परमिट की ज़रूरत होती है.
खरदुंगा ला 18380 फीट की ऊँचाई पर स्थित है .दिस्तिक बाकी लद्दाख से काफी अलग काफी हरा भरा स्थान है
थिकसे गोम्फा -
थिकसे का अर्थ है पीला.
लेह में १२ हज़ार फीट पर पहाड़ी के ऊपर बनी हुई यह गोम्फा तिब्बती वास्तुकला का खूबसूरत उदाहरण है.
१५ वि शताब्दी में इसे शेर्ब जंगपो के भतीजे पल्दन शेराब ने बनवाया था.
12 मंजिल ऊँची इस गुम्फा में कई भवन हैं भगवान बुद्ध की मूर्तियाँ है.
रास्ते में सीढ़ियों के दोनो खूबसूरत गुलाब के फूलों की क्यारियां लगी हुई हैं. भवन में अन्दर कई मन्दिर हैं .
प्रमुख मन्दिर में बुद्ध [ भविष्य का बुद्ध]की १५ मीटर ऊँची काँसे की मूर्ति इस गुम्फा का विशेष आकर्षण है.इस भव्य मूर्ति का तीनो मंजिलों से किसी भी मंजिल से दर्शन किया जा सकता है.
दीवारों पर बनी चित्रकारी अद्भुत है और बुद्ध भगवान का मुकुट बेहद अनूठा!
यह मोनास्ट्री लगभग १० छोटे मठों का प्रबंधन करती है.
चित्र में देखीये मुकुट में कई भगवानों के भव्य चित्र !
कैसे जाएँ-
लद्धाख सड़क मार्ग से देश के सभी मुख्य शहरों से जुड़ा है.
लेह में एअरपोर्ट भी है जो दिल्ली ,चंडीगढ़ ,जम्मू आदि के लिए हवाई सेवाएं देता है.
रेलवे स्टेशन - निकटतम जम्मू है.
अभी के लिये इतना ही. अगले शनिवार एक नई पहेली मे आपसे फ़िर मुलाकात होगी. तब तक के लिये नमस्कार।
आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!
प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.
श्री ललित शर्मा अंक 101 |
श्री उडनतश्तरी अंक 100 |
सुश्री पारुल अंक 99 |
श्री पी.सी.गोदियाल, अंक 98 |
श्री अंतरसोहिल अंक 97 |
श्री संजय बेंगाणी अंक 96 |
श्री रजनीश परिहार अंक 95 |
प. श्री. डी. के. शर्मा “वत्स” अंक 94 |
श्री दिगम्बर नासवा अंक 93
|
श्री रंजन अंक 92 |
सुश्री सीमा गुप्ता अंक 91 |
सुश्री M.A.Sharma "सेहर" अंक 90 |
श्री अभिषेक ओझा अंक 89 |
श्री विवेक रस्तोगी अंक 88 |
श्री सैयद | Syed अंक 87 |
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक अंक 86 |
सुश्री हीरल अंक 85 |
श्री रतनसिंह शेखावत अंक 84 |
सुश्री रेखा प्रहलाद अंक 83 |
श्री मिश्रा पंकज अंक 82 |
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
श्री जीतेंद्र
श्री मो सम कौन?
भारतीय नागरिक - Indian Citizen
सुश्री निर्मला कपिला
श्री संजय भास्कर
अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा, मंगलवार और शुक्रवार की पहेली मे शाम 6:00 बजे ताऊजी डाट काम पर आपसे फ़िर मुलाकात होगी तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.
सभी विजेताओं को घनी बधाई. लगता है ऐनक वालों को इस बार का पर्चा आउट हो गया था जभी विजेताओं में इत्ते सारे चश्मे वाले दीख रहे हैं.
ReplyDeleteललित जी व दूसरे सभी लेट जागने /पहुँचने वाले वाले विजेताओं को बधाइयाँ ही बधाइयाँ
ReplyDeleteवाह वाह!! ललित जी को बहुत बधाई..उनका तो बदला रुप फल गया. :)
ReplyDeleteइस बार मेरी लीड ४ अंक...कोई कम नहीं होती है.
ललित शर्मा जी को बधाई
ReplyDelete(सोचा मै ही बधाई दे दुँ)
ताउ को राम-राम
ताऊजी रामराम,
ReplyDeleteजानकारी के लिये धन्यवाद! आदरणीय शर्माजी को बधाई!!
ललित शर्मा एवं अन्य सभी प्रतिभागियों को बधाई!
ReplyDeleteशर्मा जी सहित सभी को बहुत बधाई.
ReplyDeletesabhi prtibhagiyon ko BADHAAI!!!
ReplyDeleteललित भाई, बहुत बहुत बधाई!!!!
ReplyDeleteललित शर्मा जी को बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteललित जी सहित सभी विजेताओं को बहुत बधाई.
ReplyDeleteregards
उम्मीद से कम पिछड़ा... :) :) यह तो जीत है जी. बधाई स्वीकारता हूँ ;)
ReplyDeleteSabhee Mitron ko bahut badhaii !!!
ReplyDeleteMuaff karen Taauji
Mera Uttar to galat ho gaya..maine to Shey Palace likh diya !!:))
lekin merii photo lagii huyi achchi lag rahee hai...haha
Regards !
ललित जी और सभी जीतने वालों को बधाई ........
ReplyDeleteललित जी सहित बाकी सभी विजेताओं को भी बहुत बहुत बधाई.....हम तो हमेशा लेट हो जाते हैं...अब की बार सुबह 6 बजे का अलार्म लगा कर सोएंगें..तभी प्रथम विजेता बनने के कुछ चाँस बन सकते हैं वर्ना तो हर बार बस छठे-सातंवे नम्बर से ही संतोष करना पड जाता है:)
ReplyDeleteललित जी व दूसरे सभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई .
ReplyDelete@पंडित जी, अगली पहेली के लिए सच में अलार्म लगा कर एक दम सही समय पर आईएगा.
ReplyDeleteबहुत ही आसान पहेली है और आप पलक झपकते ही और बाकी बहुत से प्रतिभागी देखते ही पहचान जाएँगे.
शुभकामनाएँ.
सभी विजेताओं को बहुत-बहुत बधाई
ReplyDeleteताऊजी,
ReplyDeleteजिस समय रूपचन्द्र शास्त्री जी दो बार गलत जवाब देकर तीसरी बर में सही जवाब दिया तो उस समय उनके पास मैं बैठा हुआ था. लेकिन शास्त्री जी की ये गलत बात है कि उन्होने जरा सा भी "क्रेडिट" इधर नहीं दिया.
बधाई हो सभी को.....
ललित जी एवं सभी विजेताओं को ढेर सारी बधाइयाँ!
ReplyDeletelalit ji ne 'THIKSEY' word to kahin nhin likha???kya fir bhi ise sahi jwab mana gaya hai...
ReplyDeleteसभी को बधाई जी राम राम
ReplyDeleteवाह वाह!! ललित जी को बहुत बधाई..
ReplyDelete@ रजनीश परिहार जी
ReplyDeleteआपकी बात का संज्ञान लेते हुये रिजल्ट बनाने वाले आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को एक्सप्लेनेशन लेटर भेज दिया गया है. प्रथम दृष्टया आपकी शिकायत मे दम नजर आता है.
अगर गलती हुई है उसे जांचोपरांत पोस्ट मे ब्लागिंग नियमानुसार अलग से दर्ज कर दी जायेगी.
ध्यान आकर्षित करने के लिये आपका धन्यवाद.
रामराम.
मैं रजनीश परिहार जी के साथ हूँ...हा हा!! जीतने का जुगाड़ बन रहा है...धन्यवाद रजनीश भाई..ललित भाई को बाद में सॉरी कह देंगे. :)
ReplyDelete@ उडनतश्तरी जी
ReplyDeleteरजनीश परिहार जी की बात का संज्ञान लेते हुये जांच आयोग बैठा दिया गया है. जैसे ही आयोग की रिपोर्ट आयेगी, उसे सार्वजनिक करते हुये तदनुसार कार्र्वाई की जायेगी.
रामराम.
JI THANK U!!!
ReplyDelete