प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली - 60 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है गोलघर, पटना (बिहार)
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
पटना शहर [बिहार]
भारत के राज्य बिहार के बारे में हम आप को पहले बता चुके हैं.बिहार राज्य की राजधानी पटना है.ऐतिहासिक महत्व वाला यह एक ऐसा शहर है जो अति प्राचीन काल से अब तक आबाद है.
राजा पत्रक को इस शहर का जनक कहा जाता है. उन्होने इसे अपनी पत्नी पाटली के लिए जादू से बनाया था[??]इसी लिए भी गंगा नदी के तट पर स्थित इस शहर का नाम कभी पाटलिपुत्र था.
cityview from top of golghar
पटना नाम कैसे पड़ा? कोई कहता है कि 'पटन देवी' के नाम पर है कोई कहता है कि यह नाम संस्कृत शब्द पट्टन से आया है. मौर्यकाल के यूनानी इतिहासकार मेगास्थनिज ने इस शहर को पालिबोथरा तथा चीनीयात्री फाहियान ने पालिनफू के नाम से संबोधित किया है. यह ऐतिहासिक नगर पिछली दो सहस्त्राब्दियों में कई नाम पा चुका है - पाटलिग्राम, पाटलिपुत्र, पुष्पपुर, कुसुमपुर, अजीमाबाद और पटना!
पाटली 'गुलाब के फूल को कहते हैं..यहाँ कभी फूल बहुत उगाए जाते थे.
नील की खेती के लिये १९१७ में चम्पारण आन्दोलन तथा 1942 का भारत छोड़ो आन्दोलन के समय पटना की भूमिका उल्लेखनीय रही है.
पटना नगर के लिए भगवान बुद्ध की यह भविष्यवाणी थी कि नगर का भविष्य उज्जवल होगा, बाढ़ या आग के कारण नगर को खतरा बना रहेगा.
यहीं है दुनिया के सबसे लम्बे[ मानव निर्मित] नदी पर बने सड़क पुलों में से एक पुल जो कि पटना से हाजीपुर को जोड़ने को लिये गंगा नदी पर उत्तर-दक्षिण की दिशा में बना है इसे 'महात्मा गांधी सेतु' कहते हैं.इसकी लम्बाई ५५७५ मीटर है.
यहाँ के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं-
तख्त श्री हरमंदिर [पटना सिखों के दसमें और अंतिम गुरु गोविन्द सिंह की जन्मस्थली है],अगम कुआँ [सम्राट अशोक के काल का एक कुआँ],
कुम्रहार [भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित ], बेगू हज्जाम की मस्जिद,-शेरशाह की मस्जिद,पादरी की हवेली,ख़ुदाबख़्श लाईब्रेरी [यहाँ कुछ अतिदुर्लभ मुगल कालीन पांडुलपियां हैं], -क़िला हाउस [जालान हाउस ],संजय गांधी जैविक उद्यान,दरभंगा हाउस ,पटना संग्रहालय [ ३० करोड़ वर्ष पुराने पेड़ के तने का फॉसिल यहाँ है] सदाक़त आश्रम - [देशरत्न राजेन्द्र प्रसाद की कर्मभूमि ],ताराघर संग्रहालय के पास बना तारामंडल देश में वृहत्तम है] आदि.
अब जानते हैं उस जगह के बारे में जो हमने पहेली में पूछी थी-
गोलघर -:
यह गोलाकार इमारत अपनी खास आकृति के लिए प्रसिद्ध है.
पटना के पश्चिमी किनारे पर स्थित इस 'गोलघर 'का निर्माण 1770 में आई भयंकर सूखे के दौरान कैप्टने जॉन गार्स्टिन ने ब्रिटिश फौज के लिए अनाज भंडारण के लिए करवाया था.
Golghar in 1888
इसका निर्माण कार्य ब्रिटिश राज में 20 जुलाई 1786 को संपन्न हुआ था.
यह 96 फीट ऊंचा है ,इसकी दीवार आधार में 12 फीट मोटी है , आधार 125 मीटर है और इस में कहीं भी कोई स्तंभ नही है.इसमें एक साथ 140000 टन अनाज़ रखा जा सकता है.
ऊपर चढ़ने के लिए सर्पिलाकार की १४५ सीढियाँ हैं.कहते हैं मजदूर एक तरफ से अनाज के बोरे लेकर चढ़ते थे और ऊपर से खाली जगह से नीचे बोरे गिरा कर दूसरी तरफ से उतर जाते थे.
इस के ऊपर से एक तरफ जहाँ गंगा नदी को देखना बहुत ही मनमोहक है तो दूसरी तरफ से शहर का नज़ारा भी उतना ही लुभावना है.
गोलघर परिसर में बरगद का एक पेड़ और दर्शनीय गौरीशंकर मंदिर भी है.
चलते चलते -
बिहार सरकार ने इस स्थान को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल का रूप देने के लिए एक प्रस्ताव भी पारित किया है जिस से पर्यटकों को इस स्थल की तरफ आकर्षित किया जा सके.
इस प्रोजेक्ट के अनुसार गोलघर के भीतरी भाग को भी दर्शकों के लिए खोल दिया जाएगा. गोलघर को भीतर से मजबूत बनाने के साथ-साथ सैलानियों को उसकी भीतरी बनावट भी दिखायी जायेगी.
यहां आकर पर्यटक शोध कर सकेंगे कि गोलघर का गुंबद बिना किसी स्तम्भ के कैसे खड़ा है.
इसके अलावा गुंबद के अंदर कला संस्कृति विभाग को विकसित करना,गोलघर परिसर में एम्फी थियेटर और सात-आठ दुकानें बनाना , पुराने कैफेटेरिया को आकर्षण रूप देना भी इसे प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं.
कैसे जाएँ?
सड़क,रेल,और वायु मार्ग से पटना सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा है.
आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!
प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.
आज के विजेता :- सभी को हार्दिक बधाई!
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
श्री अविनाश वाचस्पति
श्री रंजन
सुश्री निर्मला कपिला
श्री स्मार्ट इंडियन
सुश्री sada
श्री काजलकुमार,
श्री दीपक "तिवारी साहब"
श्री लालों के लाल...इंदौरीलाल
डॉ. मनोज मिश्र
श्री SELECTION & COLLECTION
श्री विवेक रस्तोगी
श्री भारतीय नागरिक - Indian Citizen
सभी का पुन: आभार!
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
आप सभी को मेरा नमस्कार,
पहेली में पूछे गये स्थान के विषय में संक्षिप्त और सारगर्भीत जानकारी देने का यह एक लघु प्रयास है.
आशा है, आप को यह प्रयास पसन्द आ रहा होगा,अपने सुझाव और राय से हमें अवगत अवश्य कराएँ.
पटना शहर [बिहार]
भारत के राज्य बिहार के बारे में हम आप को पहले बता चुके हैं.बिहार राज्य की राजधानी पटना है.ऐतिहासिक महत्व वाला यह एक ऐसा शहर है जो अति प्राचीन काल से अब तक आबाद है.
राजा पत्रक को इस शहर का जनक कहा जाता है. उन्होने इसे अपनी पत्नी पाटली के लिए जादू से बनाया था[??]इसी लिए भी गंगा नदी के तट पर स्थित इस शहर का नाम कभी पाटलिपुत्र था.
पटना नाम कैसे पड़ा? कोई कहता है कि 'पटन देवी' के नाम पर है कोई कहता है कि यह नाम संस्कृत शब्द पट्टन से आया है. मौर्यकाल के यूनानी इतिहासकार मेगास्थनिज ने इस शहर को पालिबोथरा तथा चीनीयात्री फाहियान ने पालिनफू के नाम से संबोधित किया है. यह ऐतिहासिक नगर पिछली दो सहस्त्राब्दियों में कई नाम पा चुका है - पाटलिग्राम, पाटलिपुत्र, पुष्पपुर, कुसुमपुर, अजीमाबाद और पटना!
पाटली 'गुलाब के फूल को कहते हैं..यहाँ कभी फूल बहुत उगाए जाते थे.
नील की खेती के लिये १९१७ में चम्पारण आन्दोलन तथा 1942 का भारत छोड़ो आन्दोलन के समय पटना की भूमिका उल्लेखनीय रही है.
पटना नगर के लिए भगवान बुद्ध की यह भविष्यवाणी थी कि नगर का भविष्य उज्जवल होगा, बाढ़ या आग के कारण नगर को खतरा बना रहेगा.
यहीं है दुनिया के सबसे लम्बे[ मानव निर्मित] नदी पर बने सड़क पुलों में से एक पुल जो कि पटना से हाजीपुर को जोड़ने को लिये गंगा नदी पर उत्तर-दक्षिण की दिशा में बना है इसे 'महात्मा गांधी सेतु' कहते हैं.इसकी लम्बाई ५५७५ मीटर है.
यहाँ के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं-
तख्त श्री हरमंदिर [पटना सिखों के दसमें और अंतिम गुरु गोविन्द सिंह की जन्मस्थली है],अगम कुआँ [सम्राट अशोक के काल का एक कुआँ],
कुम्रहार [भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित ], बेगू हज्जाम की मस्जिद,-शेरशाह की मस्जिद,पादरी की हवेली,ख़ुदाबख़्श लाईब्रेरी [यहाँ कुछ अतिदुर्लभ मुगल कालीन पांडुलपियां हैं], -क़िला हाउस [जालान हाउस ],संजय गांधी जैविक उद्यान,दरभंगा हाउस ,पटना संग्रहालय [ ३० करोड़ वर्ष पुराने पेड़ के तने का फॉसिल यहाँ है] सदाक़त आश्रम - [देशरत्न राजेन्द्र प्रसाद की कर्मभूमि ],ताराघर संग्रहालय के पास बना तारामंडल देश में वृहत्तम है] आदि.
अब जानते हैं उस जगह के बारे में जो हमने पहेली में पूछी थी-
गोलघर -:
यह गोलाकार इमारत अपनी खास आकृति के लिए प्रसिद्ध है.
पटना के पश्चिमी किनारे पर स्थित इस 'गोलघर 'का निर्माण 1770 में आई भयंकर सूखे के दौरान कैप्टने जॉन गार्स्टिन ने ब्रिटिश फौज के लिए अनाज भंडारण के लिए करवाया था.
इसका निर्माण कार्य ब्रिटिश राज में 20 जुलाई 1786 को संपन्न हुआ था.
यह 96 फीट ऊंचा है ,इसकी दीवार आधार में 12 फीट मोटी है , आधार 125 मीटर है और इस में कहीं भी कोई स्तंभ नही है.इसमें एक साथ 140000 टन अनाज़ रखा जा सकता है.
ऊपर चढ़ने के लिए सर्पिलाकार की १४५ सीढियाँ हैं.कहते हैं मजदूर एक तरफ से अनाज के बोरे लेकर चढ़ते थे और ऊपर से खाली जगह से नीचे बोरे गिरा कर दूसरी तरफ से उतर जाते थे.
इस के ऊपर से एक तरफ जहाँ गंगा नदी को देखना बहुत ही मनमोहक है तो दूसरी तरफ से शहर का नज़ारा भी उतना ही लुभावना है.
गोलघर परिसर में बरगद का एक पेड़ और दर्शनीय गौरीशंकर मंदिर भी है.
चलते चलते -
बिहार सरकार ने इस स्थान को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल का रूप देने के लिए एक प्रस्ताव भी पारित किया है जिस से पर्यटकों को इस स्थल की तरफ आकर्षित किया जा सके.
इस प्रोजेक्ट के अनुसार गोलघर के भीतरी भाग को भी दर्शकों के लिए खोल दिया जाएगा. गोलघर को भीतर से मजबूत बनाने के साथ-साथ सैलानियों को उसकी भीतरी बनावट भी दिखायी जायेगी.
यहां आकर पर्यटक शोध कर सकेंगे कि गोलघर का गुंबद बिना किसी स्तम्भ के कैसे खड़ा है.
इसके अलावा गुंबद के अंदर कला संस्कृति विभाग को विकसित करना,गोलघर परिसर में एम्फी थियेटर और सात-आठ दुकानें बनाना , पुराने कैफेटेरिया को आकर्षण रूप देना भी इसे प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं.
कैसे जाएँ?
सड़क,रेल,और वायु मार्ग से पटना सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा है.
अभी के लिये इतना ही. अगले शनिवार एक नई पहेली मे आपसे फ़िर मुलाकात होगी. तब तक के लिये नमस्कार।
आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!
प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.
आज के विजेता :- सभी को हार्दिक बधाई!
श्री उडनतश्तरी अंक 101 |
श्री प्रकाश गोविंद अंक 100 |
श्री अजयकुमार झा अंक 99 |
डा.महेश सिन्हा अंक 98 |
श्री मनोज कुमार अंक 97 |
श्री नीरज गोस्वामी अंक 96 |
श्री पी.सी.गोदियाल, अंक 95 |
सुश्री सीमा गुप्ता अंक 94 |
श्री संजय बेंगाणी अंक 93 |
श्री अंतरसोहिल अंक 92 |
सुश्री रेखा प्रहलाद अंक 91 |
श्री दिगम्बर नासवा अंक 90 |
श्री जीतेंद्र अंक 89 |
डा.रुपचंद्रजी शाश्त्री "मयंक, अंक 88 |
सुश्री हीरल अंक 87 |
श्री मकरंद अंक 86 |
सुश्री प्रेमलता पांडे अंक 85 |
श्री PD अंक 84 |
श्री मो सम कौन? अंक 83 |
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
श्री अविनाश वाचस्पति
श्री रंजन
सुश्री निर्मला कपिला
श्री स्मार्ट इंडियन
सुश्री sada
श्री काजलकुमार,
श्री दीपक "तिवारी साहब"
श्री लालों के लाल...इंदौरीलाल
डॉ. मनोज मिश्र
श्री SELECTION & COLLECTION
श्री विवेक रस्तोगी
श्री भारतीय नागरिक - Indian Citizen
सभी का पुन: आभार!
अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा, तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.
पटना के बारे में और नयी जानकारी मिली ...गोलघर तो खैर देखा ही हुआ है ...!!
ReplyDeleteविजेताओं को बधाई | आयोजकों का आभार ज्ञान वर्धन करने हेतु |
ReplyDeleteसुबह को कुछ काम आड़े आ गये थे!
ReplyDeleteइसलिए हम विजेता बनते-बनते रह गये!
भ्राता समीर लाल जी एवं
सभी प्रतिभागियों को बधाई!
सभी विजेताओं को बधाई.
ReplyDeleteगोलघर के बाहर बच्चे क्रिकेट खेल रहे हैं, गइया चर रही है, घास गंजा रहा है, सामने लोग ठीहा लगाए बैठे हैं...जय हो जी
विजेताओं को बधाई!
ReplyDeleteआदरणीय समीर जी सहित सभी विजेताओ को हार्दिक बधाई.....
ReplyDeleteregards
ताऊजी
ReplyDeleteहमे तो मालूम ही नही था कि कहीं गोलघर चौखुण्टाघर जैसा भी कुछ है.
विजेताओं को बधाई.
मैं आत्महत्या करने जा रहा हूँ, इस कम्पिटिशन के युग में सात अंक से पिछड़ा हूँ, पिताजी मारेंगे :(
ReplyDelete:) :) :)
sameer ji ko badhayi aur patna ke bare mein badhiya jankari mili ......shukriya.
ReplyDeleteBahut bahut Badhaayee Sameer ji ko..aur sabhi vijetaOn ko bhi hardik badhaayee.
ReplyDeleteShubhkamnayen.
-Abhaar sahit-
विजेताओं को बधाई के साथ शुभकामनायें ।
ReplyDeleteसभी दिग्गजों को बहुत-बहुत बधाई
ReplyDeleteअल्पना जी ने बहुत ही विस्तृत और सुन्दर जानकारी प्रदान की ....आभार
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मेरी हैट्रिक रोकने वाले सावधान हो जाएँ
शंखनाद हो चुका है ...धर्मयुद्ध आरम्भ
सभी को बधाई.
ReplyDeleteगोल घर पर चढ़कर तो हमने भी यह नज़ारा देखा है । लेकिन इतनी जानकारी आप से ही मिली।
ReplyDeleteधन्यवाद सहित राम राम ।
हा हा हा ....आखिरकार आज हमारी दिली तमन्ना पूरी हो ही गई अब हम एलियन जी के साथ एके स्टैंड पर पदक पाने की ....इस बार कांस्य मिला है ...अगली बार एलियन जी से कह के स्वर्ण पर धावा बोलेंगे ...ओह राष्ट्रमंडल वाले कहां हैं ....अभी तक निमंत्रण नहीं भेजा उन्होंने ??
ReplyDeleteअजय कुमार झा
यहीं है दुनिया का सबसे लंबा सड़क पुल जो कि पटना से हाजीपुर को जोड़ने को लिये गंगा नदी पर उत्तर-दक्षिण की दिशा में बना है इसे 'महात्मा गांधी सेतु' कहते हैं
ReplyDeleteThis info is incorrect.
Bang Na Expressway (Thailand) is the longest road bridge. Lake Pontchartrain Causeway (US) is the
longest bridge over water. P.V. Expressway (Hyderabad) is the longest road bridge in India. Bandra-Worli sea link is longest bridge in India over water.
गोलघर के बारे में आपसे बहुत ही अच्छी जानकारी प्राप्त हुई! सभी विजेताओं को बधाई!
ReplyDeleteबधाई हो गोदियाल जी !
ReplyDelete@ab inconvenienti ji,
ReplyDeletethanks for correction.
you are right...
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I picked up this information from this link-:
http://en.wikipedia.org/wiki/Mahatma_Gandhi_Setu
Where it is mentioned under heading--Notes-:
Popularly known as Ganga Setu, It is the longest single river bridge in the world.
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May be it was the longest bridge few year back but not now.
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Sir,
We always welcome corrections and advices from our respected readers.
Once again Thanks a lot for your kind attention.
regards,
Alpana
समीर जी और सभी को बधाई ......... आज तो हमारा नंबर भी आ गया ...........
ReplyDeleteसमीर लाल जी सहित सभी विजेताओ को बधाई!
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