प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 56 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है नागार्जुन सागर बाँध.
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
आज कल आंध्र प्रदेश सुर्ख़ियों में है.सोचा क्यों ना वहीं से इस बार वहीं से पहेली पूछ ली जाए!
आंध्र प्रदेश में गुंटूर की स्थापना फ्रांसिसी शासकों ने आठवीं शताब्दी के मध्य में की थी.करीब 10 शताब्दियों तक उन्होंने यहां राज किया. बाद में 1788 में इसे ब्रिटिश साग्राज्य में मिला दिया गया.
गुंटूर बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र रहा है. प्राचीनकाल में यह' विजयपुरी 'था .यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है.
आचार्य नागार्जुन
नागार्जुन सागर बाँध बनाते समय हुई खुदाई में नागार्जुनकोंडा में तीसरी सदी के बोद्ध सभ्यता के अवशेष मिले हैं.यहाँ खुदाई के दौरान महाचैत्या स्तूप के भी अवशेष प्राप्त हुए.यहाँ कभी विहार,बोद्ध मोनेस्ट्री और एक विश्वविद्यालय हुआ करता था.
इस विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य नागार्जुन हुआ करते थे.जो की एक बड़े बोद्धनुयायी थे.
अवशेष में पाए स्तूप पर ब्राहमी में लिखा आलेख बताता है की यहाँ भगवान बुद्ध भी कभी रहे होंगे.
कृष्णा नदी पर बने इस बाँध का नाम इन्हीं के नाम पर रखा गया है.
नागार्जुन सागर बाँध भारत का गौरव है.नागार्जुन बाँध हैदराबाद से 150 किमी दूर स्थित है.इसका निर्माण १९६६ में पूरा हुआ था.
भारत में ईंटों से बना सबसे ऊँचा बाँध है.दुनिया के सबसे उँचे बांधो में से एक और एशिया का सब से ऊँचा और लंबा बाँध है.इस बाँध से निर्मित नागार्जुनसागर झील दुनिया की तीसरी सब से बड़ी मानव निर्मित नहर है.
नागार्जुन सागर
१० दिसंबर १९५५ में इस बाँध की नींव तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने रखी थी.उन्होने उस समय यह कहा था.
"When I lay the foundation stone here of this Nagarjunasagar, to me it is a sacred ceremony".
"This is the foundation of the temple of humanity of India, i.e. symbol of the new temples that we are building all over India".
Nagarjuna Sagar Dam (front view)
इस बाँध की विशेषताएँ-:
Catchment Area : 215000 km² (83012 sq mi)
Masonry dam
Spillway of dam : 471 m
Non-over flow dam : 979 m
Length of Masonry dam : 1450 m
Maximum height : 125 m
Earth dam
Total Length of Earth dam : 3414 m
Maximum height : 26 m
-इसके अलावा यहाँ नागार्जुनसागर श्रीसैलम अभ्यारण्य है.
3568 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैला यह अभ्यारण्य भारत में सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व माना जाता है. इसके अलावा यहां फूलों व वनस्पतियों की अनेक प्रजातियां भी पाई जाती हैं.
-इसी बाँध के पास आधे घंटे की ड्राइव पर एथीपोतला नामक जलप्रपात हैं.
नजदीकी हवाई अड्डा -गन्नवरम है
नजदीकी रेलवे स्टेशन -गुंटूर और विजयवाड़ा.
सड़क मार्ग-बस सेवाएं गुंटूर को जिले के अंदर व बाहर के प्रमुख स्थानों से जोड़ती है.
References---http://en.wikipedia.org/wiki/Nagarjuna_Sagar_Dam
आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!
प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
श्री अविनाश वाचस्पति
श्री श्री साढ़े सात हजार बाबा सांडनाथ
सुश्री निर्मला कपिला
डा.रुपचंद्रजी शाश्त्री "मयंक,
सुश्री वंदना
प. डी.के. शर्मा "वत्स",
श्री राज भाटिया
श्री दिगम्बर नासवा
श्री रतनसिंह शेखावत
भारतीय नागरिक - Indian Citizen
सुश्री बबली
और डॉ टी एस दराल
सभी का पुन: आभार!
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
आप सभी को मेरा नमस्कार,
पहेली में पूछे गये स्थान के विषय में संक्षिप्त और सारगर्भीत जानकारी देने का यह एक लघु प्रयास है.
आशा है, आप को यह प्रयास पसन्द आ रहा होगा, अपने सुझाव और राय से हमें अवगत अवश्य कराएँ.
आज कल आंध्र प्रदेश सुर्ख़ियों में है.सोचा क्यों ना वहीं से इस बार वहीं से पहेली पूछ ली जाए!
आंध्र प्रदेश में गुंटूर की स्थापना फ्रांसिसी शासकों ने आठवीं शताब्दी के मध्य में की थी.करीब 10 शताब्दियों तक उन्होंने यहां राज किया. बाद में 1788 में इसे ब्रिटिश साग्राज्य में मिला दिया गया.
गुंटूर बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र रहा है. प्राचीनकाल में यह' विजयपुरी 'था .यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है.
नागार्जुन सागर बाँध बनाते समय हुई खुदाई में नागार्जुनकोंडा में तीसरी सदी के बोद्ध सभ्यता के अवशेष मिले हैं.यहाँ खुदाई के दौरान महाचैत्या स्तूप के भी अवशेष प्राप्त हुए.यहाँ कभी विहार,बोद्ध मोनेस्ट्री और एक विश्वविद्यालय हुआ करता था.
इस विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य नागार्जुन हुआ करते थे.जो की एक बड़े बोद्धनुयायी थे.
अवशेष में पाए स्तूप पर ब्राहमी में लिखा आलेख बताता है की यहाँ भगवान बुद्ध भी कभी रहे होंगे.
कृष्णा नदी पर बने इस बाँध का नाम इन्हीं के नाम पर रखा गया है.
नागार्जुन सागर बाँध भारत का गौरव है.नागार्जुन बाँध हैदराबाद से 150 किमी दूर स्थित है.इसका निर्माण १९६६ में पूरा हुआ था.
भारत में ईंटों से बना सबसे ऊँचा बाँध है.दुनिया के सबसे उँचे बांधो में से एक और एशिया का सब से ऊँचा और लंबा बाँध है.इस बाँध से निर्मित नागार्जुनसागर झील दुनिया की तीसरी सब से बड़ी मानव निर्मित नहर है.
१० दिसंबर १९५५ में इस बाँध की नींव तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने रखी थी.उन्होने उस समय यह कहा था.
"When I lay the foundation stone here of this Nagarjunasagar, to me it is a sacred ceremony".
"This is the foundation of the temple of humanity of India, i.e. symbol of the new temples that we are building all over India".
इस बाँध की विशेषताएँ-:
Catchment Area : 215000 km² (83012 sq mi)
Masonry dam
Spillway of dam : 471 m
Non-over flow dam : 979 m
Length of Masonry dam : 1450 m
Maximum height : 125 m
Earth dam
Total Length of Earth dam : 3414 m
Maximum height : 26 m
-इसके अलावा यहाँ नागार्जुनसागर श्रीसैलम अभ्यारण्य है.
3568 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैला यह अभ्यारण्य भारत में सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व माना जाता है. इसके अलावा यहां फूलों व वनस्पतियों की अनेक प्रजातियां भी पाई जाती हैं.
-इसी बाँध के पास आधे घंटे की ड्राइव पर एथीपोतला नामक जलप्रपात हैं.
नजदीकी हवाई अड्डा -गन्नवरम है
नजदीकी रेलवे स्टेशन -गुंटूर और विजयवाड़ा.
सड़क मार्ग-बस सेवाएं गुंटूर को जिले के अंदर व बाहर के प्रमुख स्थानों से जोड़ती है.
References---http://en.wikipedia.org/wiki/Nagarjuna_Sagar_Dam
अभी के लिये इतना ही. अगले शनिवार एक नई पहेली मे आपसे फ़िर मुलाकात होगी. तब तक के लिये नमस्कार।
आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!
प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.
श्री मुरारी पारीक अंक 101 |
सुश्री सीमा गुप्ता अंक 100 |
श्री दिनेशराय द्विवेदी अंक 99 |
श्री विवेक रस्तोगी अंक 98 |
श्री उडनतश्तरी अंक 97 |
श्री अंतरसोहिल अंक 96 |
श्री संजय बेंगाणी अंक 95 |
श्री नीरज गोस्वामी अंक 94 |
सुश्री अंजना अंक 93 |
डा.महेश सिन्हा अंक 92 |
श्री प्रकाश गोविंद अंक 91 |
श्री रंजन अंक 90 |
रामकृष्ण गौतम अंक 89 |
श्री सैय्यद अंक 88 |
डॉ. मनोज मिश्र अंक 87 |
सुश्री प्रेमलता पांडे अंक 86 |
सुश्री रेखा प्रहलाद अंक 85 |
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
श्री अविनाश वाचस्पति
श्री श्री साढ़े सात हजार बाबा सांडनाथ
सुश्री निर्मला कपिला
डा.रुपचंद्रजी शाश्त्री "मयंक,
सुश्री वंदना
प. डी.के. शर्मा "वत्स",
श्री राज भाटिया
श्री दिगम्बर नासवा
श्री रतनसिंह शेखावत
भारतीय नागरिक - Indian Citizen
सुश्री बबली
और डॉ टी एस दराल
सभी का पुन: आभार!
अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा, तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.
मुरारी पारीक, सीमा गुप्ता और दिनेशराय द्विवेदी सहित सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई. देश-दर्शन के इस रोचक प्रयास के लिए आप को धन्यवाद!
ReplyDeleteमुरारी पातिक को बधाई..
ReplyDeleteआजकल संजय बैंगाणी जी को लिस्ट में देख जाने क्यूँ अचरज नहीं होता. :) इतना ज्यादा जो दिखने लगे हैं. :)
अल्पना जी ने बहुत अच्छी तरह जानकारी दी..आभार.
सभी विजेताओं और प्रतिभागियों को शुभकामनाएँ.
वाह भई मुरारी जी मुबारक.
ReplyDeleteअभी 2 हफ़्ते पहले ही हैदराबाद में था...मुझे ज़रा भी अंदेशा होता कि यह सवाल पूछा जाने वाला है तो मैं शर्तिया यह डैम भी देख कर ही आता..:)
विजेताओं को बहुत बधाई.
ReplyDeleteमुरारी जी व अन्य पहेली विजेताओं को हार्दिक शुभकामनाएँ
ReplyDeleteआदरनीय मुरारी पारीक जी सहित सभी विजेताओ को हार्दिक बधाई...
ReplyDeleteregards
सब विजेताओं को बहुत बहुत बधाइयाँ।
ReplyDeleteसभी को बधाई
ReplyDeleteफिर दो अंक से मार खा गया :) :)
ReplyDeleteबधाई बधाई बधाई ... सभी जीतने वालों को बधाई .........
ReplyDeleteसभी विजेतागणों को बधाई ताऊ माफ़ करना इस बार भी पहेली में हिस्सा नहीं ले सका..
ReplyDeleteमीत
सबसे पहले तो सबको बधाई
ReplyDeleteमुरारी पारिक को डबल बधाई
इतना तो बतला दें
क्या यह आंध्र प्रदेश नहीं है।
मुरारी पारिक जी सहिए अन्त सभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई.........
ReplyDeleteइतनी बढिया जानकारी देने के लिए अल्पना वर्मा जी का आभार!!!
मुरारी पारीक, सीमा गुप्ता और दिनेशराय द्विवेदी सहित सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई. अरे ताउ जी भाई आप की पिछली ओर इस बार भी पहेली वाली फ़ोटूनही दिखती? जब फ़ोटू नही दिखेगी तो जबाब केसे देवे? तो ताऊ जी फ़ोटू जरुर लगावे, वेसे जबाब तो तब भी ना दुं, लेकिन इशारा जरुर कर दुंगा.
ReplyDeleteसुंदर जान्कारी देने के लिये अल्पना जी का धन्यवाद
आपको और आपके परिवार को नए साल की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteसभी विजेताओं को हार्दिक बधाई!
सभी विजेताओं को बधाई.
ReplyDeleteऔर सभी प्रतिभागियों का एक बार फिर से धन्यवाद.
@अविनाश जी ,इस बार पहेली पोस्ट 56 पर सूचना दी गयी थी और निवेदन भी किया गया था की जवाब में पूछे गये स्थान का सही नाम लिखें केवल राज्य का नाम लिखना काफ़ी नहीं होगा.
इसलिए आप का जवाब अधूरा समझा गया है.
आभार.