प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरे की घणी राम राम.
ताऊ पहेली अंक 43 में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. क्ल्यु हमेशा की तरह रामप्यारी के ब्लाग से मिलेंगे. रामप्यारी के ब्लाग पर पहला क्ल्यु 11:30 बजे और दुसरा 2:30 बजे मिलेगा. रामप्यारी का जवाब अलग टिपणी में देवें. तो आईये अब आज की पहेली की तरफ़ चलते हैं.
यह कौन सी जगह है?
अब रामप्यारी का विशेष बोनस सवाल : - ३० अंक के लिये.
इस अंक के आयोजक हैं ताऊ रामपुरिया और सु,अल्पना वर्मा
मग्गाबाबा का चिठ्ठाश्रम
मिस.रामप्यारी का ब्लाग
ताऊ पहेली अंक 43 में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. क्ल्यु हमेशा की तरह रामप्यारी के ब्लाग से मिलेंगे. रामप्यारी के ब्लाग पर पहला क्ल्यु 11:30 बजे और दुसरा 2:30 बजे मिलेगा. रामप्यारी का जवाब अलग टिपणी में देवें. तो आईये अब आज की पहेली की तरफ़ चलते हैं.
ताऊ पहेली का प्रकाशन हर शनिवार सुबह आठ बजे होगा. ताऊ पहेली के जवाब देने का समय कल रविवार दोपहर १२:०० बजे तक है. इसके बाद आने वाले सही जवाबों को अधिकतम ५० अंक ही दिये जा सकेंगे
हाय एवरी बडी..वैरी गुड मार्निंग फ़्रोम रामप्यारी. कामचाडांली ग्रंथ किस विद्वान द्वारा और किस विषय पर लिखा गया था? अब आप मेरे ब्लाग पर पहली हिंट की पोस्ट पढ सकते हैं 11:30 बजे और दुसरी 2:30 बजे. अब रामप्यारी की रामराम. |
नोट : यह पहेली प्रतियोगिता पुर्णत:मनोरंजन, शिक्षा और ज्ञानवर्धन के लिये है. इसमे किसी भी तरह के नगद या अन्य तरह के पुरुस्कार नही दिये जाते हैं. सिर्फ़ सोहाद्र और उत्साह वर्धन के लिये प्रमाणपत्र एवम उपाधियां दी जाती हैं. किसी भी तरह की विवादास्पद परिस्थितियों मे आयोजकों का फ़ैसला ही अंतिम फ़ैसला होगा. एवम इस पहेली प्रतियोगिता में आयोजकों के अलावा कोई भी भाग ले सकता है.
मग्गाबाबा का चिठ्ठाश्रम
मिस.रामप्यारी का ब्लाग
नोट : – ताऊजी डाट काम पर हर शाम 6:00 बजे नई पहेली प्रकाशित होती हैं. यहा से जाये।
ताऊ नहीं पता :)
ReplyDeleteसो कर उठेंगे तो बताते हैं. :)
ReplyDeleteह्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म :
ReplyDeleteबहुत खोजा.......... अब जाकर भैया ने बताया है ..ये तो हमारे गाँव के पुराने डीह वाले बरम बाबा है ... :)
तो फिलहाल पता लिखें ....
बरम बाबा की डीह ,
बरम स्थान, पुरानी टोली
नया बाज़ार , वाराणसी कैंट
उत्तर प्रदेश २२१००१
फोटो अभी भेजता हूँ कन्फर्म करने के लिए
:) :) :) :) :) :) :) :) :) :) :) :) :) :) :) :) :) :) :) :)
Ayodhya
ReplyDeleteregards
ये ग्रंथ मैंने तो नहीं लिखा है!!!
ReplyDeleteअभी नही मिला। थोड़ी देर के बाद बतायेंगे।
ReplyDeleteये दरवाजा बहुत पुराना लेकिन खूबसूरत है। कहाँ जाएगा यह पता नहीं। कहीं पाताल न जा रहा हो यही सोच डर गए। फिर रामप्यारी के सवाल ने तो घिघ्घी ही बांध दी। इन सवालों के आगे अपने तो दिमाग की रोशनी ही गायब हो गयी। अब देखते हैं रोशनी कब वापस लौटती है।
ReplyDeleteBarabar Cave
ReplyDeleteregards
Barabar Caves, Bihar. Asoka and his grandson Dasratha made rock-cut caves for the ascetics of the Ajivika sect in the 3rd century B.C. The decorative arch above the entrance is made in imitation of the wooden architecture of the time. This became a constant feature (now known as the "chaitya" arch) in the halls of worship to follow. It also continued as a decorative motif in later temples. The marvellous tradition of hundreds of rock-cut caves in India was initiated at Barabar
ReplyDeleteAsoka and his grandson Dasratha made rock-cut caves at Barabar, near Gaya in present-day Bihar. They were made for the Ajivikas, a deeply ascetic sect of that time. This began one of the greatest architectural traditions in India. Hundreds of rock-cut caves were made later for the Buddhist, Jaina and Brahmanical traditions.
regards
निषादराज मन्दिर, अयोध्या!
ReplyDeleteshayad golghumat ka darwaza
ReplyDeleteकोन्या बेरा ताऊजी
ReplyDeleteराम-राम
रामप्यारी इस ग्रन्थ के रचियता मन्नै तो ताऊजी लागै सैं
ReplyDeleteअर जब पूरा हो जागा तै समीरजी इस का विमोचन करैंगें
पहाड के अन्दर है मन्दिर लग रहा है
ReplyDeleteरामप्यारी आज दोनों सवालों का क्लू चाहियेगा
ReplyDeleteताऊ जी मेरी हाजरी तो अभी लगा लें जवाब तो हमे आयेगा नहीं। शुभकामनायें
ReplyDeleteअयोध्या।
ReplyDeleteये क्या है समझ में नहीं आ रहा है , रामप्यारी का इंतज़ार है
ReplyDeleteअपुन नही जानता।
ReplyDeleteये सुरंग है, सुरंग.
ReplyDeleteयह अज्ञातेश्वर का मन्दीर है जिन्होने कांमचांडाली ग्रंथ लिखा था.
ReplyDelete(हिरामन नाराज सा था, बोला मेरे लिए कभी टिप्पणी करते ही नहीं. तो यह टिप्पणी उसके लिए)
या तो ये ग्रन्थ चाणक्य ने लिखा था अगर उसने नहीं लिखा तो...
ReplyDelete१००% इसे लिखेने वाली तू खुद है कांमचांडाली रामप्यारी....
समझी,....
मीत
ताऊ यो तो Mauryan Cave - Barabar hill है....
ReplyDeleteमीत
कन्हेरी गुफा मुम्बई
ReplyDeleteएलीफैंटा गुफा, मुम्बई
ReplyDeleteएलोरा की गुफा
ReplyDeletebarabar caves
ReplyDeletegaya bihar
बाराबर गुफा, बाराबर हिल बिहार
ReplyDeleteफाईनल उत्तर है
लाक कर दिया जाये
प्रणाम
Barabar Caves, Bihar. Asoka and his grandson Dasratha made rock-cut caves for the ascetics of the Ajivika sect in the 3rd century B.C. The decorative arch above the entrance is made in imitation of the wooden architecture of the time. This became a constant feature (now known as the "chaitya" arch) in the halls of worship to follow. It also continued as a decorative motif in later temples. The marvellous tradition of hundreds of rock-cut caves in India was initiated at Barabar
ReplyDeleteमां वैष्णो देवी।
ReplyDeleteआमेर का किला, जयपुर।
ReplyDeleteआज तो मैं फेल हूँ ..जीरो नंबर ...पूरे ...:)) आज बस केवल राम राम स्वीकारें...
ReplyDeleteलगता है ताउजी और रामप्यारी दोनों ने कमर कस के तयारी कर ली है बीरबल से टक्कर .....
वैसे ये एक ही पत्थर से काटकर बना हुआ बहुत अज़ब सा मंदिर नुमा कुछ लग रहा है ....आस पास हुआ तो जाउंगी यहाँ पर....
धन्यवाद
हाय राम प्यारी लगता है आज तो तु अकेली है, अरी कहां गया तेरा बागड बिल्ला, लगता है रुठ कर भाग गया. ओर सुना केसी कट रही है, तेरी सास केसी है री, ओर यह फ़ेशन वेशन जो तु करती है तेरी सास तुझे रोती नही क्या, ओर सुना है कल शहर मै तेरे मटक मटक के चलने से बहुत भारी एक्सींडेंट हो गया, अब तु हम से सवाल पुछ रही है तो सुन यह तो बहुत ही अच्छा ओर आसान सवाल है, जितना आसान सवाल है जबाब भी उस से आसान है...
ReplyDeleteकांमचांडाली ग्रंथ तो जरुर किसी चंडालनी ने ही लिखा होगा ना, ओर किस विषय पर? अरी पगली यह भी पुछने वाली बात है किस बिषय पर?? यह सब चंडालनियां किस के पिछे पडी होती है? पता है ना... बस जब वो हाथ मै ना आये तो उस के बारे ही उस कि बुराई कर के यह ग्रंथ लिख दिया होगा, लेकिन तु इन बातो से दुर रहना, देख तेरा बिल्ला तो बहुत सयाना है, ओर तेरे सिवा किसी बिल्ली को""बुरी"" नजर से नही देखता, बस सब को अच्छी अच्छी नजर से अपनी समझ कर ही तो देखता है, अगर तेरे पास यह ग्रथ है तो इसे मत पढना.
राम राम मेरी प्यारी प्यारी राम प्यारी
अरे ताऊ यह तो इंडिया गेट है, यकिन ना आये तो किसी भी इंडियन से पुछ लो, वेसे मुझे भी नही पता था, अभी अभी एक इंडियन ने मुझे बताया
ReplyDeleteकांमचांडाली ग्रंथ लिखने वाले का नाम है श्री श्री समीरानन्दजी महाराज ने ७२० ईसवी पुर्व इस ग्रन्थ की रचना ताऊ के कहने पर की थी. किदवन्ती है की बाबा समीरानन्दजी महाराज का वह सैकेन्ड लास्ट अवतार था. ईस समय बाबा समीरानन्दजी महाराज धरती लोक पर अपने उडन तस्तरी अवतार मे विचरण कर रहे है ( अति)
ReplyDelete2.5 baje क्लु का इन्तजार
ReplyDeleteनोट : मेरे खुद के सवाल का हिंट यह है कि ये ग्रंथ एक बहुत ही इतिहास प्रसिद्ध व्यक्ति ने लिखा था और उससे संबंधित प्रसिद्ध त्योंहार हमने पिछले सितम्बर माह मे ही मनाया है!
ReplyDeleteअरे यह अन्तिम हीन्ट मे भैसे दिखाई है रामप्यारी ने................................ मणे तो यह ताऊकी भैसियन लागे है, जिस गुफ़ा का फ़ोटू दिखाया गया है लगता है वह भी ताऊ गुफ़ा है..................
ReplyDeleteraam pyrai fir to jrur ravan ne likha hoga????
ReplyDeletebye
palle nahin pada taau.
ReplyDeletear haan, ramram
मुख्य पहेली के लिए रामप्यारी ने जिस पशु का चित्र अपने ढाई बजे के क्लू में दिखाया है वह उस राज्य का 'राज्य-पशु'state animal है..जहाँ पहेली वाला स्थान है.
ReplyDeleteऔर उस राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री की पूरे विश्व में बहुत चर्चा होती रही है.
उनके नाम से बालों का स्टाइल भी बनवाया जाता है.
कामाचंडालिनी ग्रन्थ लिखने वाले के पिच्छे क्यों पड़ गई रामुङी? क्या कुछ केस वेस करने वाली है उस पर ? अच्छा बता तो सही उसकी कोनसी बात अच्छी नहीं लगी < देखो अभी तक तो पता नहीं है , तू इतना जोर दे रही है जितना की मैं बर्दास्त नहीं कर पा रहा हूँ क्योंकि मैं जोरावर नहीं हूँ इसलिए अपनी तरफ से जी जान जुटा दूंगा उस लेखक को ढूँढने के लिए अगर फिर भी नहीं मिला तो......................................................तो क्या फिर तू खुद ही ढूंढियो!!!
ReplyDeleteBarabar Caves in Gaya.
ReplyDeleteओह!! रामप्यारी अभी अभी जासूसों ने खबर दी है की इस ग्रन्थ पर काम चल रहा है अभी पूरा नहीं हुआ main पात्र को खोज रहे हैं !! तू तो ठहरी अडवांस इसलिए तुझे पुब्लिश होने से पहले ही पता चल गया हमें तो कल या सोमवार को पता चलेगा !!
ReplyDeleteताऊ ये कोई पुरातात्विक महत्व का मंदिर है.
ReplyDeleteये भीम्बैठका का कोई मंदिर होगा।
ReplyDeleteरामप्यारी तेरा जवाब तो तुझको और भगवान को ही मालूम होगा आज तो कोई नही बता सकता.
ReplyDeleteफ़ाईनल उत्तर लाक किया जाये...एल्लौरा गुफ़ाओं मे स्थित कैलाश टेंपल की तस्वीर है ये.
ReplyDeletetaau ..राम राम .. ........... इतने दिनों बाद आज की paheli dekhi पर uttar फिर भी nadaarat है मेरी khopdi से ........ भाई आपका jawaab नहीं .......... kahaan kahaan से ढूंढ कर ले आते हो इतनी kathin paheli ......... पर चलो jeetne waalon को अभी से hamaari badhaai ...........
ReplyDeletevaise तो मुझे भी ये अयोध्या लगता है ........... अब dekhen raam जी की maaya .....
ReplyDeleteयह कोई मंदिर नहीं है..
ReplyDeleteरामप्यारी के साढ़े ग्यारह बजे के क्लू में दी गयी इसी स्थान की अन्य तस्वीरें इस बात की गवाह हैं.
he Mahabodhi temple is located in Bodh Gaya City in the state of Bihar, India.
ReplyDeleteबिहार में गया के पास लोमश ऋषि की गुफा है. इसे मौर्य कालीन माना जाता है.
ReplyDeleteबारबार पहाडियों में स्थित ये लोमश ऋषि की गुफा पहाडी को काट कर बनाए गए निर्माण का प्रारंभिक उदाहरण है. इस गुफा-रचना का द्वार अलंकृत है.गया के पास ऐसी कई रचनाएं है जैसे सुदामा गुफा, पर अलंकरण की दृष्टि से लोमश ऋषि की गुफा प्रारम्भिक बौद्ध चैत्य शैली का विशिष्ट नमूना है.
ReplyDeleteरामप्यारी के ब्लॉग पर हिंट १ में सुदामा गुफा का बाहरी और भीतरी भाग क्रमशः दिखाया गया है.
ReplyDeleteवाही जवाब है ये बिहार में गया के पास बाराबर पहाडियों की मानव निर्मित गुफा है.इन्हें पहाडी को समुचित काट कर बनाया गया है.
आज के दोनों सवाल आउट ऑफ सिलेबस हैं. सबको जनरल प्रमोशन दिया जाये. वरना अनशन करेंगे. मुरारी पारिक भाई, भूख हड़ताल पर बैठो, हम आपके साथ हैं.
ReplyDeleteअल्पना जी कह रही हैं कि मंदिर नहीं है तो पक्का जेल है. :)
ReplyDeleteAJIVIKA CAVES, 3RD century B.C., Barabar, Bihar
ReplyDeleteusi ko Barabar Caves, Bihar bhi kahte hain.
ReplyDelete- अशोकायुगीन Barabar Caves. यह बिहार में है.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteये तो वो ही वाली जगह है
ReplyDeleteहैपी ब्लॉगिंग
ताऊ अगर आप की इजाजत हो तो बता दुं कि यह....
ReplyDeleteNahin.... Yah out of Syllabus Question nahin hai..kyonki sahi jawab bhee aaye hain..
ReplyDelete--Final Hint to bahut hi bada hint hai..us state ka,jahan yah jagah hai...
--Yah jagah 3rd century BC, Maurya period[2] ki hai.
-Yah koi temple nahin hai..
Clue 1 & 2 [Rampyari ne diye hain] Unhen dekheeye ...
Last hint--:
ReplyDeleteyah sthan भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ke under surakshit hai.
Is liye is ke pravesh dwar par is tarah ka Iron gate laga hai.
रामप्यारी का उत्तर रावण
ReplyDeleteताऊ आज तो घणी देर होगी.....
ReplyDeleteखैर देर आयद,दुरूस्त आयद.....ये है लोमष ऋषि की गुफा .
Mauryan Cave - Barabar Hill
अर रामप्यारी के सवाल का जवाब तो थामनै बेरा ही है...क्यूँ बेफालतू मैंह जवाब देण की फार्मैल्टी करनी:)
ReplyDeleteरचियता----श्री रावण जी महाराज ( रावण ब्राह्मण था तो इब ब्राहमण होकै दूसरे ब्राहमण की इज्जत ना करांगे तो ओर किस की करांगें,इस करकै नाम गेल्लै श्री लाणा पडया )
ReplyDeleteअर यो ग्रन्थ मुख्य रूप से तो तंत्र विधा पर आधारित है,लेकिन इसके एक भाग में ज्योतिष को भी सम्मिलित किया था। आगे चलकर ये दोनों भाग अलग करके दो स्वतंत्र ग्रन्थों के रूप में प्रचलन में आए ।
जै राम जी की.......
रामप्यारी वाला ग्रन्थ लगता तो रावण के संबंध में ही है.
ReplyDeleteसुरंग नहीं बेरंग सुरंग
ReplyDeleteपहेली पूरी में तरंग ही तरंग
कांमचांडाली नहीं कामचांडाली
ReplyDeleteकां पर बिन्दु कैसे लगा दिया रांमप्यांरी
अब तेरे नाम पर दो बिन्दु मैंने लगा दिये
बतला तुझे कैसे पुकारेंगे
एक तो विद्वान का लिखा बतला रही है
उस पर शीर्षक गलत लगा रही है
विषय तो विषय ही रहा होगा
अब कोई मजदूरी पर तो ग्रंथ
रहा नहीं होगा,गर होता मजदूरी पर
तो विद्वान नहीं कोई कामगार ही लिखता
जिसका नाम तलाशने पर भी
गूगल में भी न मिलता
अब मैं तो सोना लूटने हूं चलता
कल अमिताभ बच्चन का जन्मदिन
है। आप सब नुक्कड़ पर सादर आमंत्रित हैं
http://nukkadh.blogspot.com/
ताऊ पहेली का ज़वाब आप के इनाम घोषित कर देने के बाद
ReplyDeleteकरूंगा लट्ठ मत मारना ताऊ
जय ताऊ देवा
ram ram taau ji apki paheli ka hal to ham nahi jante par apki rampyari par hamara dil zarur aa gaya hai plz hamain ek bap rampyari se milwa do taau .
ReplyDeleteआज का नहीं पता :)
ReplyDeleteताऊ ये तो गणेश हाल का दरवाजा है.
ReplyDeleteरामप्यारी का जवाब है रावण संहिता. रावण संहिता मे ही कामचंडाली का जिक्र हुआ है. यानि यह ग्रंथ रावण से संबंध रखता है.
ReplyDeleteहमारा जवाब है फ़तेहपुर सीकरी का दरवाजा।
ReplyDeleteरामप्यारी का जवाब बेरा कोनी. टीपने की गुंजाईश होगी तो बतायेंगे.
ReplyDeleteयह किसी किले का गेट है। दौलताबाद का भी हो सकता है।
ReplyDeleteरामप्यारी यह ग्रंथ ताऊ ने लिखाया होगा और तूने लिखा होगा। पर जिसने भी लिखा होगा वो वाकई ..कसम से... बहुत बडा ताऊ रहा होगा..इसमे कोई दो मत नही है।
ReplyDeleteसमीर जी मैं नाश्ता वास्ता करके भूख हड़ताल पे हु! अब सब एक ही ताल में बैठें हड़ताल !!!
ReplyDeleteसूचना : इस पहेली के जवाब देने की समय सीमा समाप्त हो चुकी है अब जो भी सही जवाब आयेंगे उन्हे अधिकतम ५० अंक दिये जायेंगे. और आज रविवार रात्रि ८:०० बजे तक आये जवाबों को ही जवाबी पोस्ट में शामिल किया जा सकेगा.
ReplyDelete-धन्यवाद सहित आयोजक गण
इस सवाल का जवाब देने में तो काफी मुश्कैलटी का सामना हुआ. लगता है ज्ञान के दरवाज़े कुछ और खोलने पड़ेंगे.
ReplyDelete