हां तो अंकलों, आंटीयों और दीदीयों आप सबको रामप्यारी का सादर प्रणाम…
पर लगता है कि आज मेरा माथा खराब है. मैं बिना फ़ालतू मे आपको क्यूं परणाम कर रही हूं? जबकि ताऊ कहता है कि बिना मतलब किसी को प्रणाम करना तो दूर उसकी नमस्ते के जवाब मे गर्दन भी मत हिलाओ.
सूचना : ताऊ पहेली का प्रकाशन कल शनीवार सुबह 8:00 बजे होगा.
तो मेरी प्रणाम मैं वापस लेती हूं. नही तो ताऊ मुझे बिना मतलब डांटेगा कि इतनी महंगी नमस्ते खराब करदी? तो मैं क्या जवाब दूंगी? सच मे यह सोचने वाली बात है.
पर अब आप को दिमाग मे ये बात आरही होगी कि रामप्यारी तूने आखिर आज ये किया क्यों? आते ही नमस्ते की और वापस लेली?
अरे तो अब आप इतना पूछ ही रहे हो तो बताना ही पडेगा ना? रामप्यारी ने कभी मना किया है क्या कोई बात बताने के लिये? रामप्यारी तो आपको हमेशा अंदर बाहर की सब बातें बता देती है कि आज मेड-इन-जर्मन चला कि क्या हुआ?
आज मेरी इच्छा बच्चों को कुछ अच्छी बाते सिखाने की थी पर अब मुझे सैम भैया का किस्सा याद आगया सो अब मैं आपसे नमस्ते वापस नही लेरही हूं और आपसे ही गुफ़्तगू कर रही हूं. बच्चों से अगले सप्ताह मिल लूंगी.
हुआ ये कि सैम भैया चुनाव जीतकर मिनिस्टर बन गये..सच्ची मे..असली वाले मिनिस्टर..यकीन नही आता हो तो मेरे पास अखबार की कटींग भी रखी है.
ताऊ ने सैम भैया को बहुत डांटा..अब आप कहोगे कि मिनिस्टर को डांटा? हां अगर ताऊ का नुक्सान हो तो वो किसी को भी डांट सकता है. अब आप कहोगे कि रामप्यारी तू भी फ़ुटेज बहुत खाती है..सीधे सीधे काम की बात क्यों नही बताती? अरे बाबा बताती हूं..बताती हूं..जरा दम ले लेने दो रामप्यारी को इस गर्मी में..
हां तो हुआ ये कि मिनिस्टर साहब के पास एक आदमी अपना काम करवाने उनके बंगले पर आगया..अब आप कहोगे कि रामप्यारी इसमे क्या नई बात हो गई? सभी जाते हैं मिनिस्टर साहब के दरबार मे हाजिरी लगाने तो. हां आपने बिल्कुल ठीक कहा..पर इसने… ना…. क्या किया कि अपने साथ मे एक दलाल को भी लेलिया और ब्रीफ़केश में रुपये भरकर , साथ मे लेकर, मिनिस्टर साहब के दरबार में पहुंच गया सुबह सुबह.
अब वहां तो दरबार लगा था. खूब भीडभाड थी. उस भीड मे ही वो जाकर मंत्री जी से बोला – साहब मैं अपना काम करवाने आया हूं और ब्रिफ़केश हाथ मे ऊठाकर दिखाता हुआ बोला – अबकी बार खाली हाथ नही आया हूं बल्कि इंतजाम साथ मे ही लाया हूं. वहां तो सब हक्के बक्के रह गये.
बीनू फ़िरंगी भैया ने तुरंत यह खबर ताऊ को दी. और ताऊ बोला – अरे बावलीबूचों तुम लोग मिनिस्टर बनने के काबिल ही नही हो. इस तरह माल लेके तुम बंगले पर क्यों बुलवाते हो? मैं क्या मर गया था जो मेरे पास नही भिजवाया.
उधर से रुआंसे होकर बीनू भैया बोले – ताऊ अब क्या करें? सैम भाई नये २ मिनिस्टर बने हैं तो सारा चुनाव खर्चा एक साथ ही निकालने के चक्कर मे थे. पर अब क्या करें?
ताऊ बोला – अब उस ब्रीफ़केश वाले आदमी को तो भगवा दो वहां से. और पकडो पकडो का राग गाकर पुलिस मे रिपोर्ट लिखवा दो कि शरीफ़ मंत्री महोदय को रिश्वत देने की कोशीश की गई.
और मंत्री जी के पुलिस बुलाय्रे जाने का कहते ही रिश्वत देने वाला गायब होगया. या कर दिया गया? लो बोलो कैसा जमाना आगया अब.? सैम भैया को ताऊ पर ही भरोसा नही रहा जो सीधे ही रिश्वत लेने की बात करने लग गये और वो भी भरे दरबार में.
ताऊ को बडा अफ़्सोस हुआ कि इस सैम और बीनू फ़िरंगी को पाल पोस कर इतना बडा किया और इतनी जल्दी इन्होने रंग दिखा दिये. वाकई जमाना बहुत खराब है.
हां तो आप परिंदों को दाना पानी दे रहे हैं ना? अभी भी बहुत गर्मी है. हमारे यहां तो सुबह सुबह बहुत सारे परिंदे आने लग गये हैं आपके यहां भी आते होंगे? कितने सुंदर और प्यारे लगते हैं ना सुबह सुबह?
इब खूंटे पै पढो :- अब आपको यह तो अच्छी तरह मालूम है कि ताऊ की बेरोजगारी मे भाटिया जी ही साथ देते हैं और तो कोई देता नही है. और दुसरा कोई क्यों मदद करेगा? मदद तो अपने वाले ही करेंगे. जब ताऊ ने भाटिया जी से रुपये पैसे उधार मांगे तो भाटिया जी बोले – देख ताऊ , पिस्से तो इब तेरे को मैं उधार देता कोनी. पहले ही तू मेरे घणॆ पिस्से डकार कर बैठा है. पर ये बता कि अब रुपयों का क्या करेगा? ताऊ बोला – जी, मेरी माईक्रोसाफ़्ट की लाटरी खुली है कोई करोडो डालर की. उसको कुछ पिस्से भेजने हैं डालर मंगाने के लिये. मेरे पास रोज मेल आती है. अब कब तक मना करूं? भाटिया जी बोले – ताऊ ये सब फ़्राड है तू इन चक्करों मे मत पड. और कोई काम धंधा भी तेरे बस का नही है. मैं तुझे मेरे एक सेठ दोस्त के पास नोकरी पर लगा देता हूं सो आराम से नौकर कर और मजे से रह. ताऊ उस सेठ के यहां नौकरी करने लग गया. सेठ के मैनेजर से ताऊ की पटरी नही खाती थी. मेनेजर ताऊ को घणा परेशान करता था. एक दिन मेनेजर ने रात को ताऊ को फ़ोन किया और बोला कि आफ़िस मे जरुरी काम है तुरंत आजावो. ताऊ बोला – मैनेजर साहब मैं तो इब सो चुका हूं कल ही आऊंगा. मैनेजर गुस्से मे लाल पीला हो गया और ताऊ को कुछ ऊंची नीची बात बोल दी. ताऊ कुछ तो नींद मे था और कुछ गुस्से मे आगया. सो वो मैनेजर को बोला कि – सुसरे तेरी ऐसी की तैसी…जा कहीं डुब मर. अगले दिन इसी बात पर बवाल होगया. भाटिया जी तक शिकायत पहुंच गई. भाटिया जी बोले – अरे यार ताऊ, ये क्या उल्टा सीधा बोलता है? इतनी अच्छी नौकरी मुश्किल से मिलती है. छूट गई तो फ़िर नही मिलेगी. तू फ़टाफ़ट मैनेजर साह्ब को कहे गये शब्द वापस ले ले वर्ना तेरी नौकरी गई समझ. ताऊ बिचारा क्या करता? रात तो नींद मे कह गया उल्टी सीधी बात. सो अब उसने मैनेजर को फ़ोन लगाया और इस तरह बोला - जी मैनेजर साहब, रामराम. मैने आपको कल रात को डूबकर मरने के लिये कहा था अब आप डूबकर मत मरना. |
सूचना : ताऊ पहेली का प्रकाशन कल शनीवार सुबह 8:00 बजे होगा.
राम प्यारी, कहाँ से सीख रही है इत्ती बात करना. लगता है स्कूल नहीं जा रही आजकल..बस सज धज के घूमती रहती है और तरह तरह की बात बनाती है..हैं!!
ReplyDeleteखूँटे पर मस्त रहा..यही देख कर अब रामप्यारी तुझे जो कहा वो वापस लेता हूँ..रामप्यारी बहुत प्यारी है. ओके. :)
आधुनिक राजनीति पर सटीक व्यंग्य किया गया है।
ReplyDeleteआभार
चोखी घणी बात है ताउ। आजकल तो वैसे भी पता ही नहीं लगता कि किसी ने रूपये जानबूझकर पकडवा दिये या प्लानिंग के तहत पहले शराफत का चारा डाला और तब ढेरों पखेरूओं को पकडा।
ReplyDeleteचंगी पोस्ट।
वाह ताऊ अपने शब्द वापस लेने का तरीका भी बड़ा मस्त है |
ReplyDeleteजी मैनेजर साहब, रामराम. मैने आपको कल रात को डूबकर मरने के लिये कहा था अब आप डूबकर मत मरना.
ReplyDeleteताऊ आज तो खूंटे पर मजा आगया.
रामप्यारी माताजी की जय हो जय हो जय हो. आज तो रामप्यारी बडी खूबसूरत लग रही है. और आज की बात भी सच है.
ReplyDeleteहां ये अब पता चला कि वो मंत्रीजी ये काम ताऊ के निर्देशन मे कर रहे थे. रामप्यारी आजकल ताजा खबरों पर भी तगडा व्यंग करने लगी है.
हाय मिस रामप्यारी, कल की पहेली जितवा देना. अब तो तेरे समीर अंकल भी पहेली मे नही रहेंगे..मुझे भी अगला महाताऊ बनवा दे.:) चाकलेट का पूरा ट्रक भिजवा रहा हूं.
ReplyDeleteऔर रामप्यारी की ड्रेस तो आज बडी खूबसूरत है? किसने दिलवाई रामप्यारी?
जय हो खूंटे की. छा गये ताऊ और रामप्यारी.
ReplyDeleteबहुत खूब. बेचारे मंत्री जी...
ReplyDeleteखूंटा मस्त.
ये वाचाल रामप्यारी अच्छी लग रही है।
ReplyDeleteसचमुच बहुत प्यारी है रामप्यारी।
ReplyDeleteसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
हाय रामप्यारी अब अब सबकी प्यारी . रामप्यारी तुम्हारी खूबसूरती का राज क्या है . संसकारी जीव सबको प्रणाम करता है इस मामले में ताऊ जी की मत सुनना . नेट सलाह दे रहा हूँ . भविष्य में काम आयेगी .
ReplyDeleteआज तो तरकश के बाण सटीक हैं ताऊ जी .
ReplyDeleteरामप्यारी की प्यारी बातें बड़ी मनोरंजक हैं । आभार ।
ReplyDeleteआजकल महँगी कोचिंग का जमाना है. सब सिखा दिया जाता है.
ReplyDeleteदेख रामप्यारी, ताऊ की ये गलत-सलत सी ऊत्तपने वाली बातें न माना कर...... बस एक कान से सुनी और दूसरे से निकाल दिया कर. समझ गई???
ReplyDeleteक्या खूब खूंटा है जी. ताऊ का जवाब नहीं....मजा आ गया.
ReplyDeleteरामप्यारी तू की बच्ची फ़ुटेज बहुत खाती है..सीधे सीधे काम की बात नही बताती गोल मोल घूम घूम के बताती है..
ReplyDeleteऔर आजकल कुछ ज्यादा ही बाते बना रही है... लगता है किसी के घर से डेली दूध मलाई निबटा देती है... कहीं ताई का ही तो मटका ठिकाने नहीं लगा देती...
मीत
रामप्यारी कित्ती प्यारी प्यारी बातें करने लगी है, वो भी इंग्लिश में. कल का हिंट दे देना रामप्यारी...मैं तेरे लिए सुन्दर सी फ्राक भेज दूंगी.
ReplyDeleteरामप्यारी घनी दुलारी लग रही इब के तो...और कित्ता अच्छा स्पीका है...मजा आ गया रे ताऊ...
ReplyDeleteनीरज
Rampyari ki baate to achhi lagti hi hai...lakin Khunta bhi kuchh kam nahi tha...
ReplyDeleteअरी राम प्यारी केसी हो, आज कल बच्चो को उलटी पटी पढाने पे लग गई हो, उधर वो पलटू रोजाना नयी से नयी गाडी ले कर घुम रहा है., यह सब तेरा ही पढाया है.
ReplyDeleteअरे ताऊ अब मिस राम प्यारी जवान हो रही है, भाई कोई गलत कदम उठाये इस का व्याह कर दे कोई अच्छा सा बिल्ला देख कर, कही भाग गई तो तेरे सथ साथ मै भी मुहं दिखाने लायक नही बचूगां
ताऊ इस मेनेजर के बच्चे को लठ्ठ दिखा दे बस
राम प्यारी प्रणाम जी प्रणाम..
ReplyDeleteतुम भले ही घड़ी घड़ी प्रणाम करो या वापिस लेकर फिर लौटा दो..फिर भी प्रणाम.
रामप्यारी तुमने मौजू-ए-हालात पर बहुत शानदार बात कही है !
ReplyDeleteकोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से
यह नए मिज़ाज का शहर है जरा फासले से मिला करो !!
अरे ताऊ जी मैं तो आपसे पूछने वाला था कि यह क्या चक्कर है ! ये पैसे बाटने वाले दो--तीन वर्षों से मेरे पीछे हाथ धो कर पड़े हुए हैं ! हर महीने आठ-दस ई-मेल आ जाती हैं खबर देने कि मेरी लाटरी खुल गयी है !
इनसे पीछा कैसे छुडाया जाए ?
रामप्यारी तुम और तुम्हारी बातें दोनों बहुत प्यारी लगती हैं.खूब अच्छा लिखा है..
ReplyDeleteलेकिन ये कैसी बातें सिखाने लगीं?नमस्ते तो सब को करते ही हैं..चाहे कोई जवाब दे या न दे!
सैम ने भी नेता बनते ही रंग दिखाने शुरू कर दिए..उसे समझा देना..बच्चों की क्लास बाद में लेना..
खूंटा भी मजेदार था..अपनी बात वापस लेने का तरीका भी बढ़िया रहा..अब तो नौकरी गयी सो गयी!
वाह वाह! बहुत डुबाने वाली है पोस्ट! :D
ReplyDeleteप्रणाम लौटाओ और हम एक और प्रणाम के साथ वापस करेंगे.... तो अच्छा ही है न गोल-गोल घुमा करेगा और फिर बढ़ता भी रहेगा :)
ReplyDeleteWaah ! waah ! majedaar !
ReplyDeleteekdam chokha vyangy..
sir aap bhi kamaal karte hain koyi aapko inaam maen rupaye de raha hai aur aap lene nahi ja rahe hain .
ReplyDeleteaapko jaroor jaana chahiye.
aur sir hame aapka sher samajh maen nahi aaya . kya matlab hai iska ?
मजेदार पोस्ट :-)
ReplyDeletekhute pai me mja aa gya .
ReplyDeleteअरे अलका आं..... तुम
ReplyDeleteमैं रुपया इसलिए नहीं ले पा रहा हूँ क्योंकि मेरे पास क्रेडिट कार्ड नंबर नहीं है, कहो तो तुम्हारा क्रेडिट कार्ड नंबर दे दूं ?
जो लिखा था वो समझ में इसलिए नहीं आया क्योंकि शेर था न ! अगली बार शेरनी लिखूंगा तब समझने में दिक्कत नहीं होगी .....ओके ?
वैसे मोटे तौर पर समझ लो .... कवि कह रहा है कि आजकल "स्वायिन फ्लू" तेजी से फैल रहा है इसलिए हाथ नहीं मिलाना चाहिए और दूर ही रहना चाहिए !
हाय री रामप्यारीssssss
ReplyDeleteरामप्यारी जी, हमेँ आपकी पिँक ड्रेस बहुत पसँद आई और हाँ बातेँ तो ...
ReplyDelete- लावण्या
हमेशा की तरह लाजवाब है खूंटा ......
ReplyDelete"बताईये यह कौन सी जगह है?
ReplyDeleteअब हम आप को क्या बताये! बता भी दें तो आप के ज्ञान में क्या खाक वृद्धि होगी क्योंकि आप तो पहले से जानते हैं कि यह कौन सी जगह है, यह क्यों महत्वपूर्ण है, यहां कौन कौन जा चुका है. यहां तक कि आज आप को यह भी पता चल जायगा कि कौन कौन नहीं जा चुका है (=जितने लोग गलत उत्तर देंगे!!).
काहे को आप हमारे अज्ञान को सबके सामने बताने पर तुले हो!!
लगता है कि भाटिया जी से सिफारिश करवानी पडेगी कि शास्त्री को भी कुछ इनामविनाम देदिला दो.
हां, आप चाहें तो समीर जी से भी सिफारिश लगवा देते हैं. वे तो हमेशा हरेक को उठाने के लिये जुटे रहते हैं!!
सस्नेह -- शास्त्री
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
http://www.Sarathi.info
रामप्यारी हम तो नहीं रहेंगे,
ReplyDeleteतुम ताऊ की छाती पर मूँग दलती रहना।
raampyaari ji tumhe prnaam
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