यू नो..? आजकल रामप्यारी घणी समझदार हो गई है.. आपको मालूंम है? आजकल तो मेरे पास चिट्ठाजगत से भी मेल आती है कि आदरणीय रामप्यारी जी आप आवो और इन कलियों का स्वागत करो? ये बाक्स में मेल देखिये.
आदरणीय rampyariko जी, चिट्ठाजगत॰इन पर पिछले 24 घण्टे में जुड़े 11 नए चिट्ठेइन्द्रजाल में नवपदार्पण करने वाली इन कलियों का टिप्पणी रूपी भ्रमरों द्वारा स्वागत करें! |
आहा..हा..हा…आदरणीय..और उपर से रामप्यारी जी…मुझे कितना अच्छा लग रहा है? आपको मालूम है? मुझे ऐसा लग रहा है कि बस ताऊ तो अब मेरे सामने मच्छर है….जो कुछ है बस रामप्यारी ही है. मेरी वजह से ताऊ की दुकानदारी चल रही है? क्यूं सही बोल रही है ना रामप्यारी?
अरे अगर मैं सही नही बोल रही हूं तो फ़िर ऐसी मेल ताऊ के पास आनी चाहिये थी ना? मेरे पास ही क्यूं आती है रोज?
आज तक तो ताऊ के पास ऐसी एक भी मेल नही आई की ताऊ जी आप आकर इन कलियों का स्वागत करो? विद्द्या माता की कसम ..एकदम सच बोल रही हूं.
हां अच्छा है चिट्ठाजगत वालों ने ताऊ को नही बुलाया…स्वागत करने. वर्ना तो ताऊ, उसके लठ्ठ और दो भैंसे वो क्या नेम वेम हैं उनके? हां..जस्ट आई रिमेम्बरिंग…यू नो..टैट…भैंस नेम्स वेर …अनारकली एण्ड चम्पाकली….अब ये क्या स्वागत करेंगी नई कलियों का? खाली पीली उनको डरा कर भगा और देंगी.
वो तो चिट्ठाजगत वाले काबलियत की कदर करना जानते हैं इसलिये बस सिर्फ़ रामप्यारी जैसे बडे और समझदार लोगों को ही स्वागत का जिम्मा सौपंते हैं.
आपको एक खबर और सुनाऊं? वो ना …वो ना…कल मेरी वरुण अंकल से बात हुई थी..वो बोले….अरे तो अब आप बीच मे क्यों टोक रहे हैं?…अब आपको ये भी नही पता क्या? कि वरुण अंकल कौन हैं?
हे भगवान आप भी कैसे इतने बडे बडे अंकल, आंटी और दीदीयां हो गये? बस हर बात अब रामप्यारी ही बतायेगी आपको? आप कुछ मत करना?
अरे वरुण अंकल यानि वो ही..मेरे वरुण गांधी अंकल..अब तो समझ गये ना?
हां तो कल बोले – रामप्यारी अब मैं एटा की जेल से बाहर आगया हूं.
मैने पूछा अंकल कैसी कटी वहां पर?
तो अंकल बोले – क्या बताऊं रामप्यारी? मुझे जेल जाने का दुख नही है. अगर इस उम्र मे जेल नही जाऊंगा तो फ़िर बडा नेता कैसे बनूगा? ये तो तेरे एक्जाम देने जाने जैसा ही है. पर मुझे दुख इस बात का है कि जेल मे मेरे साथ उचित व्यवहार नही किया गया.
मैने पूछा – अंकल ऐसा क्या हो गया आपके साथ? जल्दी बताओ ना.
वरुण अंकल बोले – रामप्यारी मुझे एक बात समझ मे नही आई कि मुम्बई हमले के आरोपी अजमल कसाई अरे नही..नही..कसाब को जेल मे बिरयानी और कबाब परोसा जाता है और मुझे लौकी की सब्जी
खाने को परोसी?
मैने कहा – अंकल ये तो बहुत गलत बात है. पर अंकल इसमे कहीं छायावती बहन की कोई चाल तो नही है? मुझे तो कुछ गडबड लग रही है अंकल.
अब रामप्यारी को इजाजत दिजिये. रामप्यारी कल सुबह ६:३० AM पर पहेली मे आपसे फ़िर मुलाकात करेगी.
और आपने अगली पहेली के प्रकाशन समय के लिये वोटिंग की या नही? क्या कहा ? नही…अरे… रे…आप फ़टाफ़ट अभी उपर साईडबार मे लगा बटन दबाईये. फ़िर बाद मे कहेंगे कि रामप्यारी तूने तो हमे बताया ही नही था.
इब खूंटे पै पढो :- बात उन दिनों की जब हरयाणा राज्य का गठन हुआ ही था और वहां सडकें, नहर और बिजली का काम बहुत तेजी से गांव गांव तक हो रहा था. बिजली के खम्बे गाडने के लिये गड्डे खोदे जाने थे. और मई का बहुत ही गर्म महिना था. आजकल जैसे ही बहुत ज्यादा गर्मी पड रही थी और लू चल रही थी. इसीलिये ये किस्सा हमको याद आगया. ताऊ, राज भाटिया जी और योगिंद्र मोदगिल जी ये तीनो भी मजदूरी करने जाया करते थे. एक दिन घणा तेज तावडा (धूप) पड रहा था. दिन के दो बजे का समय था. ये तीनो हरयाणवी उस चिलचिलाती धूप मे बिजली का पोल (खम्बा) गाडने के लिये गड्डा खोदने लग रहे थे. उस गर्मी मे तीनो पसीने पसीने हो रहे थे. और फ़ावडे से गड्डा खोदने लग रहे थे. अब भाटिया जी बोले : ताऊ वो देख ..इस गर्मी मे हम तो गड्डा खोद रहे हैं और वो अफ़सर (बिजली विभाग का ओवर्सियर) पेड की छांव मे आराम से कुर्सी पर बैठा बीडी फ़ूक रहा है? योगिंद्र मोदगिल जी भी बोले : हां ताऊ ये तो सरासर अत्याचार है? ताऊ बोला – भई आप लोग जरा शांति रखो, मैं जरा इस अफ़सर से बात करके आता हूं. इब ताऊ उस अफ़सर के पास जाकर बोला – अजी अफ़सर जी, ये तो घणी बडी गलत बात है. आपने हम मजदूरों को तो इस कडक धूप में काम पर लगा रखा है और खुद आराम से यहां छांव मे बैठ कर बीडी पी रहे हो? अफ़सर बोला – सुन बे ताऊ. ज्यादा कानून तो दिखा मत और फ़टाफ़ट गड्डा खोद ..वर्ना शाम को मजदूरी मे से पैसे काट लूंगा. ताऊ बोला – वो तो ठीक है पर मुझे ये बता कि तू कोई अलग आदमी है क्या? है तो हमारे जैसा ही? अब वो अफ़सर बोला – सुन ताऊ, मैं तुमसे ज्यादा अक्ल रखता हूं इसलिये इस धूप की बजाये छांव मे बैठा हूं और तुम कम अक्ल के हो इसलिये धूप मे गड्डा खोद रहे हो. ताऊ बोला – अजी अफ़सर जी ऐसी कोई बात नही है, बात अक्ल की होती तो हम तो अच्छे अच्छे अक्लवालों को बेच खायें. यह तो किस्मत का खेल कुछ ज्यादा लगता है. अफ़सर बोला – नही ताऊ. मैं सिद्ध कर सकता हूं कि मैं तुमसे ज्यादा अक्ल वाला हूं. ताऊ : जी करके बताओ. फ़िर मान लूंगा. अब अफ़सर बोला : मैने ये पेड पर हाथ रख लिया अब तुम अपना फ़ावडा मेरे हाथ पर मारो. ताऊ ने जैसे ही अपना फ़ावडा ऊठा कर मारना चाहा उस अफ़सर ने हाथ अलग हटा लिया और फ़ावडा जाकर पेड पर टकरा गया. अब अफ़सर बोला – मानते हो ताऊ? कि मैं तुमसे ज्यादा अक्ल वाला हूं? ताऊ बोला – जी मान गया. जब ताऊ वापस आया तो भाटिया जी ने पूछा कि क्या हुआ ताऊ? ताऊ बोला – अरे यार भाटिया जी . असल मे वो अफ़सर हमसे ज्यादा अक्ल वाला है इसलिये हम गड्डा खोद रहे हैं और वो छांव मे बैठा है, योगिंद्र मोदगिल जी बोला – मैं ये नही मान सकता. अब ताऊ ने योगिंद्र मोदगिल जी के सर पर अपना हाथ रखा और बोला : भाटिया जी आप अब फ़ावडा ऊठाकर मेरे हाथ पर मारो. फ़िर पता चलेगा कि हम कम अक्ल क्यों है? |
ताऊ शनीचरी पहेली राऊंड दो अंक दस यानि अंतिम पहेली कल सुबह ६:३० AM पर प्रकाशित होगी.
रामप्यारी!
ReplyDeleteवरुण गांधी को विश्व प्रसिद्ध नेता बनाने का श्रेय बहन कु0 मायावती को जाता है।
वरुण और उसकी माता श्रीमती मेनका गांधी को उसका उपकार मानना चाहिए।
ताऊ ती !
खूँटा बहुत मन-भावन रहा।
अगली बार तुम्हारे वरुण अंकल फिर मिलें तो पूछना-'बड़ी जल्दी अक्ल ठिकाने आ गयी ?'
ReplyDeleteहा हा हा हा ......मज़ा आ गया इब खूटे पर पढ़ को पढ़ कर
ReplyDeleteबेचारे योगेंद्र मोदगिल!
ReplyDeleteखूंटे पर हाथ रखते ताऊ तो बात समझ में आती। योगेन्दरजी के सिर पर क्यों रख दिया...कोई पुरानी दुश्मनी तो नहीं थी?
ReplyDeleteकिस्सा जोरदार है...
जैजै
हर बार की तरह खूंटा कमाल कर गया! धन्यवाद!
ReplyDeleteवरुण और रामप्यारी की दोस्ती हो गई ना ? चलो अच्छा हुआ ..
ReplyDeleteरामप्यारी को भी इलेक्शन लडना चाहीये ..
जरुर जीतेगी -
पोस्ट और खूँटा दोनोँ बढिया ताऊ जी !
स स्नेह,
- लावण्या
eampyari ye varun jaise neta logon ki sangat bhali nahi:),tune unko do char samajhdaari ki salah to di hi hogi,khunta mazedar raha:)
ReplyDeleteआपको मालूम है? मुझे ऐसा लग रहा है कि बस ताऊ तो अब मेरे सामने मच्छर है….जो कुछ है बस रामप्यारी ही है. मेरी वजह से ताऊ की दुकानदारी चल रही है? क्यूं सही बोल रही है ना रामप्यारी?
ReplyDelete" हा हा हा हा हा हा हा हा हा रानी अगर ताऊ जी ने ये सब पढ़ लिया न तो खैर नहीं , जरा ध्यान से हाँ हा हा हा और अगर योगेंदर जी की जगह तुम्हरे सर पर हाथ रख कर फावडा चलवा दिया तो राम राम ......."
bye han
खुंटा जोरदार था. फावडा चला तो नहीं :) :)
ReplyDeleteवाह जी रामप्यारी जी बहुत जोरदार हैं आप तो चिट्ठाजगत वाले भी आपको ही बुलाते हैं. बहुत बधाई.
ReplyDeleteऔर खूंटे पर देखना कहीं सही मे फ़ावडा मत चलवा देना...मैं पहले से कहे देता हूं कि ..ये ताऊ पक्के से हाथ हटा लेगा..फ़िर मोदगिलजी के सर का क्या होगा?:)
वाह जी रामप्यारी जी बहुत जोरदार हैं आप तो चिट्ठाजगत वाले भी आपको ही बुलाते हैं. बहुत बधाई.
ReplyDeleteऔर खूंटे पर देखना कहीं सही मे फ़ावडा मत चलवा देना...मैं पहले से कहे देता हूं कि ..ये ताऊ पक्के से हाथ हटा लेगा..फ़िर मोदगिलजी के सर का क्या होगा?:)
वाह जी रामप्यारी जी बहुत जोरदार हैं आप तो चिट्ठाजगत वाले भी आपको ही बुलाते हैं. बहुत बधाई.
ReplyDeleteऔर खूंटे पर देखना कहीं सही मे फ़ावडा मत चलवा देना...मैं पहले से कहे देता हूं कि ..ये ताऊ पक्के से हाथ हटा लेगा..फ़िर मोदगिलजी के सर का क्या होगा?:)
रामप्यारी की बातें मजेदार हैं.और खूंटा तो खूंटा ही है.
ReplyDeleteरामप्यारी राइटिंग इन अंग्रेजी...!
ReplyDeleteताऊ राइटिंग इन हरियाणवी!
बट दोनों राइटिंग मस्त!...एकदम मस्त!
आज खूंटे पर तीनों ही हरयाणवी बंधे पडे हैं.:)
ReplyDeleteरामप्यारी को रामराम
आज खूंटे पर तीनों ही हरयाणवी बंधे पडे हैं.:)
ReplyDeleteरामप्यारी को रामराम
आज खूंटे पर तीनों ही हरयाणवी बंधे पडे हैं.:)
ReplyDeleteरामप्यारी को रामराम
ईब जब ताऊ नै सिर पै हाथ धरइ दिया तै भाटिया जी की के हिम्मत अक् फावड़ा चला सकैं.... बाकि इस खूंटें तै एक फैदा जरूर होग्या अक् मेरी आंख खुलगी....... जै राम जी की...
ReplyDeleteबाबा वरूण गांधी को तो दलितों की मसीहा,युगप्रवर्तक,भावी प्रधानमंत्री सुसरी (सुश्री) छायावती के तो सुबह शाम चरण वंदन करने चाहिए, जिसके कारण उन्हे एक क्रान्तीकारी नेता का दर्जा मिल रहा है.
ReplyDeleteताऊ जी,खूंटा एकदम मस्त.... लगै मौदगिल जी गेल्लै कोई पुरानी दुश्मनी काडण की सोच रखी थी.....
वाह, आज मजदूर दिवस पर खूंटा बड़ा जोरदार दिया है आपने.
ReplyDeleteरामप्यारी को मेरा रामराम
ReplyDeleteरामप्यारी को मेरा रामराम
ReplyDeleteरामप्यारी को मेरा रामराम
ReplyDeleteहैलो रामप्यारी, कैसी हो?
ReplyDelete----------
सावधान हो जाइये
कार्ल फ्रेडरिक गॉस
रामप्यारी की हर बात न्यारी ..करती वह हर बात में समझदारी ..अभी कुछ देर पहले ब्रेकिंग न्यूज़ देखी वरुण अंकल मंच से नीचे गिर गए ...नहीं नहीं धक्का मुक्की में नहीं ...लौकी खाने की वजह से भी नहीं ...शायद खूंटा मंच का कमजोर निकला ..अब बेचारा मंच ...पर यह खूंटा बहुत जबरदस्त लगा ....:)
ReplyDeleteरामप्यारी ने ताऊ उन्कल की छुट्टी कर दी :-)
ReplyDeleteखूंटा फिर जोरदार !
आदरणीय रामप्यारी जी, बहुत स्मार्ट हो गई हो..है न!! ताऊ से भी ज्यादा.. :)
ReplyDeleteखूँटे पर में तो मौदगिल जी का सर गया..ताऊ के लफड़े में. :)
बहुत ही खुबसूरत लिखा है आपने ......
ReplyDeleteएक श्वेत श्याम सपना । जिंदगी के भाग दौड़ से बहुत दूर । जीवन के अन्तिम छोर पर । रंगीन का निशान तक नही । उस श्वेत श्याम ने मेरी जिंदगी बदल दी । रंगीन सपने ....अब अच्छे नही लगते । सादगी ही ठीक है ।
आजकल खुटा पढकर तो बहुत ही मजा आने लगा । पर ये राम प्यारी कि हरियाणवी अग्रेजी दो चार कि जॉन लेकर रहेगी।
ReplyDeleteआभार
इ खूंटा तो बहुते कमाल का है जी .
ReplyDeleteरामप्यारी का धमाल और खूंटे का कमाल.. बहुत खूब..
ReplyDeleteताऊ कतई मौसम गरम हो गयो है . इब इस मौसम मे तनै म्हारे ते मिलण को पंगो लेणे की लागरी हो मेल कीजीयो :)
ReplyDeleteलो जी हमने खूँटे पर हाथ रख दिया।
ReplyDeleteरामप्यारी सच्ची में सेलिब्रिटी है, और ताऊ सेलीब्रटा!
ReplyDeleteRampyari tumhari bhi badi poochh ho rahi hai..ki ab tumhare paaas nayi kaliyon ke nivedan aa rahey hain..waah!tum to super star ho gayi! badhaayee....
ReplyDeletekhuntey bhi mazedaar har baar ki tarah!:)
ताऊ जी,
ReplyDeleteहमेशा की तरह खूंटा बड़ा ही सॉलिड है !!!!!!बेचारे मौदगिल साहब !!
ताऊ, खूटा पर मजेदार लगा । वोट डाले कि नहिं आपने ।
ReplyDeleteरामप्यारी के नखरे बढ़ रहे हैं।सही है।
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