अभी पिछले सप्ताह ही ताऊ की तबियत खराब हो गई. अब आप पूछोगे कि रामप्यारी ये ताऊ तो रोज दिखाई दे रहा है ब्लागीवूड मे? और तुम कह रही हो कि ताऊ की तबियत खराब है?
तो पूछो… पूछो ना…..रामप्यारी कब मना करती है बताने के लिये? रामप्यारी तो ऐसी ऐसी बाते बतादे कि आप कानों से अंगुली ना हटायें. खैर अब आप पूछ ही रहे हैं तो बता ही देती हूं कि ताऊ तो बिल्कुल गुमशुम और चुपचाप रहने लगा.
अब सैम भैया और बीनू भैया को चिंता हुई. उन्होने ताऊ से पूछा तो ताऊ कुछ बताने को तैयार नही. खैर जैसे ही बिलायत से हीरामन भैया आये , तो उन्होने तुरंत ताऊ को डाक्टर के यहां ले जाने का फ़ैसला कर लिया. और डाक्टर के पास जाकर सब जांच करवाई गई. मैने भी कैट-स्केन किया.
डाक्टर को जांच रिपोर्टों मे कोई खराबी नही दिखी. तो डाक्टर बोला – ताऊ तुमको ऐसी कोई बीमारी नही है जो जांच से पता चले. पर बीमारी तुमको जरुर है. तुम किसी चिंता मे रहते हो..आजकल इसका नया इलाज आया है. तुम अकेले रहने की बजाय किताबें पढा करो. उससे तुम कंसन्ट्रेशन ठीक कर पाओगे और
६ मिनट के कंसन्ट्रेशन से तुम्हारा तनाव दूर हो जायेगा.
ताऊ बोला – अर डागदर..मेरा तो बिना किये ही घणा कंसट्रक्शन हो जाता है. और ज्यादा कंसट्रक्शन ठीक नही होता.. प्रोपर्टी टेक्स घणा भरना पडता है. डाक्टर ने माथा पकड लिया. और नाराज होकर बोला – अरे मेरे ताऊ मैं कंसन्ट्रेशन की बात कर रहा हूं. कंसट्रक्शन की नही. अब तुम घर जाओ. और किताबे पढा करो जिससे तुम्हारा कंसन्ट्रेशन बना रहेगा.
ताऊ बोल्या – अरे डागदर..तो न्यु हिंदी म्ह बोल ना कि ध्यान एकतरित करो. भाई मैं तो ब्लागिंग करता हूं और उससे ज्यादा कंसन्ट्रेशन तो कोई चीज म्ह नही हो सकता.
डाक्टर – ताऊ इस ब्लागिंग मे ऐसा क्या है जो कंसन्ट्रेशन हो जाता है? मैं नही मानता.
ताऊ बोला – डागदर एक बार करके देख..फ़िर ऐसा कंसट्रक्शन तेरा बनेगा कि बीबी बच्चे भी भूल जायेगा.
डाक्टर आश्चर्य से बोला – फ़िर ताऊ तू क्युं बिमार हो गया?
ताऊ बोला – अर्र डाक्टर..मेरा हथियार (लेपटोप) ही बीमार था..इस वजह से ब्लागिंग नही कर पाया.
खैर अब ताऊ का लेपटोप आगया है दिमाग बदल कर.. और ताऊ की तबियत भी झन्नाट हो गई है.
अब मेरी ५ दिन की छूट्टी लग गई है स्कूल से.
आपको मालूंम है कल मैथ्स की टीचर ने मुझे पूछा – रामप्यारी तू बेअक्ल है. तुझसे सवाल तेरी भाषा मे ही पूछने पडेंगे. तभी तू समझ पायेगी.
मैने कहा कि हां मैम..ये तो बढिया रहेगा. तो टीचर ने पूछा – रामप्यारी मानले कि तुझे स्कूळ के गेम्स रूम मे भेजा. वहां चार चूहे टेबल के उपर बैठे हैं और सात चूहे आलमारी के उपर बैठे हैं. तुम्हारे जाते ही दो चूहे भाग गये. अब बताओ कि वहां कितने चूहे बचे?
मैने कहा – युं कि मैम..मुझे तो लगता है कि मैं अक्ल की कच्ची हूं..पर अब पक्के से कहती हूं कि आपको सवाल पूछने की अक्ल नही हैं.
टीचर मैम तो डंडा ऊठाकर दौडी मेरे पीछे. और बोली – रामप्यारी जबान लडाती है? वहां नौ चूहे बचेंगे.
बेवकूफ़ कहीं की…
मैने कहा कि मैम..वहां एक भी चूहा नही बचेगा. क्योंकि जो भागने से बच जायेगा वो मेरे पेट मे चला जायेगा. मैम तो मेरा मूंह देखने लगी.
देखा मैं कितनी होशियार हो गई गणित में? अच्छा तो अब रामराम. कल सबेरे साढे छ बजे पहेली मे मिलूंगी आपको. आप भूलना मत. सब कुछ पहले की ही तरह है. क्ल्यु के लिये मेरे ब्लाग पर.
और हां एक बात कि अल्पना आंटी ने कल की पहेली सेट कर दी है. मैं कोशीश करती हूं, अगर मुझे मालूम पड गया तो आपको बता दूंगी चुपचाप. ठीक है ना?
अच्छा नमस्ते.
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हीरामन उवाच :-
बीबी : वह स्त्री, जो शादी के बाद कुछ सालों में टोक-टोक कर आपकी सारी आदतें बदल दे और फिर कहे कि आप कितना बदल गए हैं जी।
अब ये होगा शायद अपनी आग में खुद जल जायेंगे
तुम से दूर बहुत रह कर भी क्या पाया क्या पायेंगे
- अहमद हमदानी
तो अब कल सूबह साढे छ बजे ताऊ शनीचरी पहेली मे आपसे मुलाकात होगी.
बहुत होशियार बच्ची हो तुम राम प्यारी. कल क्लू के लिए कित्ते बजे आना है तुम्हारे ब्लॉग पर बेटा टॉफी लेकर, वो नहीं बताया. :)
ReplyDeleteताऊ की तबीयत ठीक लग रही है, जानकर अच्छा लगा.
ताऊ हरियाणे म्हं तो न्यू कहया करैं अक् जिसका हथियार ही खराब होजै उसपै बच्या के अर रही बात भतीजे आशीष की उसनै थारा तो काम चलाया अर म्हारा अप्रैलफूल बनाया ....
ReplyDeleteताऊ जी!
ReplyDeleteआपकी रामप्यारी आज बहुत मोटी-ताजी
दिखाई दे रही है। प्रसन्न भी है।
कहीं उसने आपके प्यारे-प्यारे तोते को
ही तो चट नही कर दिया है।
अब तो आपके हथियार पर धार आ गयी है।
फिर छोटा एपीसोड क्यों लिखा जा रहा है????????
आपके ताऊनामें की प्रतीक्षा रहती है।
आशा है निराश नही करेंगे।
सादर, सदभावी- आपका।
बधाई हो ताऊ श्री ! आपका बीमार हथियार ठीक होकर ब्लोगिंग रूपी युद्ध मैदान में फिर तैनात हो गया |
ReplyDeleteलतियल ब्लागिंग
ReplyDeleteयह थोड़ी और व्याख्या की मांग कर रहा है ताऊ !
"रामप्यारी की बकबक" तो काफी चकाचक रही, धन्यवाद!
ReplyDeleteदौर ए तरक्की के अंदाज़ निराले हैं
ReplyDeleteज़हनों में अँधेरे हैं सड़कों पे उजाले हैं.
- साहिर लुधियानवी
रामप्यारी आज एक शेर तुम्हारे लिए.
बगुलों ने नया जनम लिया, ब्लागर हो गए।
ReplyDeleteब्लोगिंग का रोग डॉक्टर साहब को नहीं समझ में आएगा ताऊ जी ,और कल के सवाल पर जरा हिंट ठीक -ठाक रहे .राम -राम
ReplyDeleteरामप्यारी, ये ताऊ अपने लैपटॉप को और अपनी तबियत को तो दुरुस्त करा लिया, लेकिन डाकदर को बीमार करके छोड़ेगा। देखना भई, बेचारे डाकदर को ताऊ से बचाना...ताऊ की मंडली में तुम्हीं तो एक शरीफ हो :)
ReplyDeleteहास्य व्यंग्य में आप बहुत कुशल हैं। पढ़कर अच्छा लगा। बधाई स्वीकारें।
ReplyDeleterampyari badi hoshiyar hi gayi hai:)ganit ka sawal bhi hal kar diya:),tau ji laptop aane ki badhai
ReplyDeleteकल इन्तिज़ार करुँगी रामप्यारी का चाकलेट के साथ.
ReplyDeleteरामप्यारी क्या बात है तुने दिमाग से सोचना शुरू कर दिया .
ReplyDeleteताऊ को बधाई उनका हथियार(लैपटॉप ) ठीक हो गया .
वाल्ट डिस्ज्नी की तरह कितने चरित्र आपने उकेर रखे हैं। मजेदार।
ReplyDeleteरामप्यारी ताऊ बरगे गुणीजनों की संगत में रह के घणी बुद्धिमानी की बातें करने लग पडी हो...अगर कल पहेली का क्लू बढिया से दे दिया तो म्हारी तरफ से कैडबरी डेयरी मिल्क का एक डिब्बा थारे वास्तै पक्का समझियो....
ReplyDeleteहीरामन बहुत ज्ञानी ध्यानी लगते हैं.एक शेर भी पढ़ गए और कटाक्ष भी कर गए!बहुत खूब!
ReplyDeleteऔर ताऊ जी की तबियत ठीक होगई जानकार ख़ुशी हुई..[क्योंकि भी लैपटॉप जो ठीक हो गया ]
मिस रामप्यारी इस बार तुम्हें पहेली के पर्चे तक पहुंचना थोडा मुश्किल पड़ेगा ,देखो...चीटिंग कराती हो सब को तुम ---मुझे खबर हुई है..हीरामन की देख रेख में रखा है कल का पर्चा..: )..चलो मिलती हूँ कल --तुम्हारा सवाल ले आना...ओके?
रामप्यारी ,अब ये बताओ तुमने नवरात्रे के व्रत रखे या नहीं??थोडा पूजा अर्चना भी कर लिया करो..ताई जी के साथ बैठ कर.समझीं...
आज राम नवमी है...राम लला का जन्मदिन...उस की शुभकामनायें सभी को.
अरे रामप्यारी, वो डागदर तो अमर कुमार रहा होगा, है ना :)
ReplyDeleteतेरे टीचर के मैथ्स का सरल सा उत्तर था- चल हो जा नौ दो ग्यारह :)
ये गणित की मेडम गणित में ही पक्की है तुम्हारे जैसे व्यवहारिक ज्ञान में नहीं!
ReplyDeleteहीरामन सही कहता है!
ताऊ कि तबियत सचमुच मे ही खराब है क्योंकि आज कि इस पोस्ट मे खूटा नही लिखा है ।
ReplyDeleteताऊ राम राम
ReplyDeleteहथियार ठीक ठाक हो कर आ गए.....ख़ुशी हुयी....रामप्यारी की बकबक.........ऐसा तो नहीं लगा. और ये हीरामन.क्या हुवा भाई शेरो शायरी......खैर हो.....अब कल क्या हीन वाला है .......
आपकी लेखनी मजेदार है........
Bahut acha laga aapka lekh...
ReplyDeleteलेपटोप का तो दिमाग बदल गया रामप्यारी पर ताऊ के दिमाग का क्या? उसको कौन बदलवाएगा .. रामजीडा तो सैम के साथ चुनाव प्रचार में लगा है,,
ReplyDeleteप्रणाम ताऊ जी,
ReplyDeleteआपने सही फरमाया-
(इस ब्लागिंग मे ऐसा क्या है जो कंसन्ट्रेशन हो जाता है? मैं नही मानता. ताऊ बोला – डागदर एक बार करके देख..फ़िर ऐसा कंसट्रक्शन तेरा बनेगा कि बीबी बच्चे भी भूल जायेगा.)
बीच में मेरा भी कंसंट्रेशन टूट गया था, आज से उसे पाने की कोशिश कर रहा हूँ, अब फिर से बीबी-बच्चे को नाराज करना पड़ेगा:)
राम-राम।
रामप्यारी की शानदार बकबक और हीरामन के आधुनिक प्रवचन के क्या कहने... कल की पहेली और उससे भी ज्यादा उसके क्लू का इंतजार है..
ReplyDeleteरामनवमी की जे हो. राम राम.
ReplyDeletechalo ji hathyar to theek ho gaya.
ReplyDeleteरामप्यारी तेरी बकबक" ko सलाम- नमस्ते!!!!
ReplyDeletetaauu को अब हम नही समझते!!!!!
कल तक राम राम
राम प्यारी क्या हाल है तेरा, मुझे लगता है ताई अपने मायके गई है, वरना तऊ की तबीयत लठ्ठ देख कर हमेशा हरी भरी रहती है... अरी राम दुलारी, अरे नही राम प्यारी ताऊ को बोलना जब गारंटी की चीज गारंटी के दोराना खराब हो जाये तो गारंटी दो महीने ओर बढ जाती है, यानि ताऊ के हाथियार की गारंटी दो महीने ओर बढ गई... अरी सुन तो सही पुरी बात... ओर हां जब कोई चीज तीन बार से ज्यादा खराब हो जाये तो, गराहक नयी का हक दार होता है, भारत मै पता नही वेसे यह हमारे यहां का कानून है...
ReplyDeleteअरी राम प्यारी तेरा नाम कया है?
रामप्यारी बडी प्यारी ,प्यारी बातेँ करती है जी -
ReplyDeleteआप स्वस्थ रहेँ (शिव गणोँ सहित)
यही कामना है
- लावण्या