इस साल के शुरुआत में ही अमेरिकी वित्त संकट का श्री गणेश हो चुका था ! इसकी वजह से विश्व के कई बडे बैंक बिक गये या दिवालिया हो गये ! सारे विश्व के शेयर बाजार अपने न्युन्तम पर आ गये हैं ! और अभी भी कोई निश्चित नही है कि भविष्य के गर्भ में क्या छुपा है ? कल ही वितमन्त्री जी ने कहा है की चिन्ता की कोई बात नही है ! हमारी अर्थ व्यवस्था मजबूत है ! और साथ मे पुछला ये भी जोड दिया कि जब दुनिया के बाज़ारो की मंदी खत्म होगी तो हमारी भी हो जायेगी ! वित मन्त्री जी, जब अपनी अर्थ व्यव्स्था मजबूत है तो फ़िर इस पुछल्ले को जोडने की क्या जरुरत है ?
असली बात यह है की आज कोई माने या ना माने, सभी बाजारों की निर्भरता अमेरिकी और दुसरे दुनिय़ा के बाजारो से जुडी हुई है ! आज कोई भी इस धन्धे से सम्बन्धित व्यक्ति की रात को अगर नींद खुलती है तो "डो और नास्डेक फ़्युचर्स" की चाल देखे बिना वापस नींद नही आती ! आइये एक नजर अमेरिकी वित व्यवस्था की इस साल के शुरुआत से अभी तक के घटना क्रम पर नजर डालते हैं ! इससे समझ आयेगा कि खुद अमेरिकी सरकार कुछ भी बयान देती रही हो, वो सभी खोखले ही थे ! बी.एस.इ. सेंसेक्स १० जनवरी २००८ को २१२०६ था ! और आज १३०५५ है ! यानी की इसी साल में अभी तक ८१५१ पॉइंट की ऐतिहासिक गिरावट हुई है ! स्थिति की भयावहता का अनुमान आप इसी से लगा सकते हैं !
जनवरी २००८
रिस्की लोन का रुपया डुबने से तकलीफ़ मे फ़ंसी कन्ट्रीवाईड फ़ाइनेन्सियल को बैंक आफ़ अमेरिका ने ४ बिलियन डालर की मदद की ! यूबीएस ने फ़ंसे लोन की वेल्यु कम कर दी , इस तरह सब प्राइम से सम्बन्धित राइट डाउन्स बढ कर १८.५ बिलियन डालर हो गये !
फ़रवरी २००८
इंगलेंड के बैंक नार्दर्न राक को फ़न्डिग की कमी के चलते सरकार ने नेशनलाइज किया !
मार्च २००८
अमेरिकी इन्वेस्ट्मैन्ट बैंक जेपी मोर्गन चेज ने बेयर स्टेर्न्स को २ डालर प्रति शेयर के भाव पर खरीदा !
जुलाई २००८
हाउसिन्ग मार्केट को उबारने के लिये युएस ट्रेजरी एंड फ़ंड ने दो मार्टगेज फ़ाइनेन्स कम्पनियों फ़ेनी मे और फ़्रेडी मेक का ज्यादातर काम काज अपने हाथ मे लिया !
इसके बाद सितम्बर २००८ के उतरार्ध की खबरों ने तो सब कुछ जो अभी तक ढकने की कोशीसें थी उन पर पानी ही फ़ेर दिया ! और इसी महिने हमारे यहां भी आत्म हत्यायें तक हुई ! और परिदृष्य अभी भी सकारात्मक नही दिखाई दे रहा है !
सित्म्बर २००८
१५ सित्म्बर-- ९/११ के हमले के बाद वाल स्ट्रीट का सबसे खराब दिन ! लेहमन ब्रदर्स सबसे बडी बैंक-रप्सी मे फ़ंसी ! मैरिल लिंच को बैंक आफ़ अमेरिका ने आक्सीजन दिया ! दुनियां की सबसे बडी इन्स्योरेन्स कम्पनी एआईजी भी मुशिबत मे आई !
१६ सितम्बर २००८-- सरकारी बैंको ने वित संकट से दुनियां को बचाने के लिये अरबों
डालर मनी मार्केट मे झौंके !
१७ सितम्बर-- गोल्ड्मन सैक और और मोर्गन स्टेन्ली के शेयर औन्धे मुंह गिरे !
इंगलैन्ड की लायड टीएसबी ने राइवल एचबीओएस को खरीदा ! युएस सिक्योरिटिज
एन्ड एक्सचेन्जेज कमीशन ने शार्ट सेलिन्ग पर रोक लगाई !
१९ सितम्बर-- अमेरिका ने खतरनाक असेटस को खरीदने का इरादा जताया तो
सारी दुनियां के शेयर बाजारों मे फ़िर उम्मीद जागी !
२०-२१ सितम्बर कम्पनियो को उबारने के लिये ७०० बिलियन डालर का ऐलान !
गोल्ड्मैन सैक और मोर्गन स्टेनली ने इन्वेस्ट्मेन्ट बैंकर का काम छोड कर बैंक होल्डिन्ग
कम्पनियों मे तब्दील !
२२ सितम्बर-- जापान कि नोमुरा ने लेहमैन का एशिया का कारोबार ५२५ मिलियन डालर मे खरीदा ! बाद मे नोमुरा ने युरोप और मिडिल ईस्ट का कारोबार भी नाम मात्र की रकम के बदले हस्तगत किया !
२३ सितम्बर-- वारेन बफ़ेट ने गोल्डमैन सैक का ९ प्रतिशत हिस्सा ५ बिलियन डालर मे खरीदा ! एफ़बीआई ने फ़ेनी, फ़्रेडी, एआईजी और लेहमैन मे मोर्टगेज फ़्रौड की आशंका पर
जांच शुरु की !
२४ सितम्बर-- राष्ट्रपति बुश द्वारा फ़ाइनेंशियल सिस्टम पर गहरे संकट की चेतावनी !
और इस संकट से सिस्टम को उबारने के लिये ७०० बिलियन डालर की सहायता का वचन !
२५ सितम्बर-- अमेरिका का सबसे बडा बैंक वाशिंगटन म्युच्युअल डुबा ! उसका एसेट्स जेपी मोर्गन चेज ने करीब २ बिलियन डालर मे खरीदा !
२९ सितम्बर-- २० और २४ सितम्बर को बुश द्वारा घोषित ७०० बिलियन की सहायता को अमेरिकी हाऊस ने खारिज किया ! फ़लत: सारी दुनिया के शेयर मार्केट औन्धे मुंह गिरे ! अभी भी स्थिति स्पष्ट नही है ! अगर आप शेयर मार्केट के खिलाडी हैं तो किसी भी हालत मे लालच से दूर रहें ! अभी के हालात से मार्केट मे कुशन बिल्कुल नही है ! आप कहीं भी ट्रेप हो सकते हैं और अपनी गाढी कमाई से भी महरूम हो सकते हैं ! अगर आपको प्राइस यहां अटरेक्टिव लगती हैं तो सिर्फ़ उतने ही रुपये का माल खरीदे जो आप के पास सरप्लस मे हो ! किसी भी हालत मे इस स्थिति मे मार्जिन फ़न्डिन्ग मे नही उलझे ! और अपना शकुन बनाए रक्खें ! आशा ही कर सकते हैं आने वाला समय अच्छा होगा !
( डिसक्लेमर : ये किसी भी तरह किसी को भी दी गई राय नही है ! एक साधारण
तौर पर विश्लेषण है ! आप जो भी करना चाहे अपने अर्थ सलाहकार की राय लेकर करें )
वाह ताऊ क्या जबरदस्त विश्लेषण किया है -ऐसा की क्या कोई अर्थशास्त्री भी कर पाये !तो क्या अमेरिकी सुपर्मैसी के दिन अब लद गए ?
ReplyDeleteगहरा विश्लेषण ....जब आप गंभीर बात करते है ,बहुत अच्छा लगता है सच में .
ReplyDeleteमुझे आपका बात कहने का स्टाइल बहुत अच्छा लगा | आपका तरीका काफी सरल है | और बाकी उस पर लिखा है : कृपया यहाँ ज्ञान ना बांटे , यहाँ सभी ज्ञानी हैं !
ReplyDeleteबहुत अच्छा विश्लेषण किया है आपने। हमें यकीन है कि अनिश्चितता के इस माहौल में आपकी सलाह मानकर लोग फायदे में ही रहेंगे।
ReplyDeleteबहुत अच्छा विश्लेषण किया है आपने।
ReplyDeleteअच्छा जी आप इस क्षैत्र में भी माहिर है ये तो हमें आज ही पता चला। और कितना गहरा विश्लेषण किया है। मान गए जी आपको।
ReplyDeleteताऊ जी, आपने सही सलाह दी। वैसे दुनिया के साथ कदम ताल मिलाने के लिए पहली बार शेयर खरीदा था, वह तब से चढा ही नहीं, बल्कि और गिरावट हो गई। अब इंतजार करने के अलावा के कर सकूँ सूँ।
ReplyDeleteविकट बबल-बर्स्टिंग है। हम चैन से बैठे हैं इस लिये कि अपने सरप्लस का एक भाग ही स्टॉक में लगाये हैं। और एक दशक तक इन्तजार कर सकते हैं। अन्यथा हैरान-परेशान बहुत होंगे।
ReplyDeleteके अमरीका-इंडिया, के ग्यान्नी के ग्यान..
ReplyDeleteसमालोचना में रहा, ताऊ सदा महान..
जै हो ताऊ..........
पर एक दोहा और समर्पित करूं सूं अक्..
किस आजादी तै बज्या, आजादी का बैंड..
सोन्ने की चिड़िया उड़ी, सीद्धी स्विट्ज़रलैंड...
Tau Z i n d a b a a d
क्या बताऊँ ताऊ जी , रुपये ३ लाख की चपेट बैठ गई ! आपने ये सलाह पहले क्यूँ नही दी ? फ्यूचर्स में उलझ कर
ReplyDeleteमोटा नुक्सान कर लिया ! क्या करे जो हो गया सो होगया ! अब तो कोई उम्मीद भी नही बची ! हो गई बेवकूफी तो !
वाह ताऊ क्या विश्लेषण हैं और ये आंकड़े वाह ताऊ मान गए आपको। बहुत बढ़िया।
ReplyDeleteताऊ मेने तो कभी लालच किया ही नही जितना मेहनत से आ गया उसी मे खुश ओर बच्चो को भी यही शिक्षा दे रहा हू. राम राम
ReplyDeleteसही कहा ताऊ आपने अपन कुवैत आये थे तब दिनार १५४ रु था अब १७५ रु ओ गया सोचो अपना रुपिया कितना डुब गया ।
ReplyDeleteअपनी तंख्वाह बेवजह बढ गयी मगर भारत की महंगाई का हाल सुन हम खुश नही है !!
ताऊ। आपणो सरदार भी फस्यो सै डूबता ज्हाज़ मैं।
ReplyDeleteताऊ जी,
ReplyDeleteसमस्या उन बातों से नहीं होती जो हमें बताई जाती हैं. समस्या उन बातों से है जो हमें नहीं बताई जातीं. लीमैन ब्रदर्स ने जिस दिन बैंकरप्सी के लिए फाईलिंग की, फाईलिंग करने के चार घंटे पहले ही नीदरलैंड के एक बैंक से पाँच सौ मिलियन डॉलर का कर्ज लिया. आप सोचिये कि किस तरह से रेगुलेटरी अथारिटी काम करती हैं. भारत सहित विश्व की अनेक अर्थव्यवस्था की रेटिंग घटा दी जाती है और इस तरह के बैंकों की रेटिंग फेल होने से तीन दिन पहले तक नहीं घटाई जाती.
जहाँ तक भारतीय सरकार की बात है तो मैं यही कहूँगा कि अक्टूबर २००७ से चीजों की कीमतें बढ़नी शुरू हो गई थीं लेकिन फरवरी के पहले सप्ताह तक इन्फ्लेशन इंडेक्स पर चीजों की बढ़ती कीमतों का असर नहीं दिखाई दिया. किस तरह से फिगर आते थे, ये वित्त मंत्रालय ही जानता है. उन्दिनो इन्फ्लेशन के फिगर देखकर हमलोग मजाक करते थे कि एक कागज़ पर ३.७१, ३.७६, ३.७३, ३.७४ ...वगैरह लिखकर आँख बंद करके अक्कड़ बक्कड़ बोलकर पेंसिल राखी जाती होगी और जिस फिगर पर पेंसिल पडी, उसी को इन्फ्लेशन की डर मान लिया जाता होगा.
बड़ी लम्बी कहानी है....किसी दिन तफ्शील से लिखना पड़ेगा.
@ शिव कुमार मिश्राजी ,
ReplyDeleteआपकी बात से पुरी तरह सहमत हूँ ! यहाँ सब कुछ मेनेजबल है और आंकडो की जादूगरी का कमाल है !
लीमन वाली बात तो वाकई कमाल है ! उस लेवल पर सब खेल खेले जाते हैं ! इसी तरह अन्य अमेरिकी कंपनियों बारे में भी
बहुत कुछ है पर एक आचारसंहिता में बंधे होने की वजह से सार्वजनिक रूप से कुछ नही कह सकता की परदे के पीछे क्या २ खेल हुए हैं ? शायद आपको याद होगा मैंने आपके ब्लॉग पर ही ये टिपणी की थी की शुरुआत हो चुकी है ! पर शायद किसी का ध्यान
नही गया होगा ! क्योंकि इस तरह की बातो में सबका इंटरेस्ट भी नही होता ! आप जरुर इस विषय में एक दो पोस्ट लिखें ! इससे
जिसका भी इंटरेस्ट होगा वो अवश्य लाभान्वित होगा ! मैं एक संस्था के साथ कमिटेड होने की वजह से खुल कर कुछ भी नही कह पाउँगा इस विषय में ! अत: मैं आपसे अनुरोध करूंगा की आप इस विषय में जरुर लिखें !
वाह ताउजी नये रोल मे भी छा गये। सटीक विष्लेशन किया आपने।
ReplyDeleteto yeh cha gaye aap
ReplyDeleteregards
सलाह के लिये बहुत धन्यवाद। आइए
ReplyDeleteआशा करें कि आने वाला समय अच्छा होगा ।
ताऊ जी राम राम
ReplyDeleteइस बार तो आप दूसरे ही रंग में दिख रहें है। चिन्तित मुद्रा में, आप हंसाते रहें सबको, बस यही कहुंगी।
...ताऊ जी को प्रणाम.पहली बार आपकी ब्लौग पर आया और इस शानदार विश्षलेशन ने मंत्र-मुग्ध कर दिया और आपकी शैली ने मोहित.
ReplyDeleteमजा आ गया
रोचक जानकारी देने के लिए धन्यवाद
ReplyDeleteभारतीय शेयर मार्केट की हालत तो और भी गंभीर है
इसके बारे में आपका क्या कहना है ?
फिलहाल तो हम भी तमाशा देख रहे है क्या पता ऊंट किस करवट बैठेगा
वीनस केसरी