कित गए ताऊ ? इब तो घनी देर हो ली थाणे मैं !
ये सवाल पूछा है मित्र पित्सबर्गिया ने ! थारा घणा धन्यवाद जो ताऊ का हाल पूछा !
ताऊ की संगत मै रह कै थम भी हरयाणवी आछी लिखण लाग गे हो !
थोड़े दिन ताऊ धोरे टिक गे तो असली ताऊ हो ल्योगे ! थारा मेल आया तब
ताऊ मलहम पट्टी करवा कै खटिया में पडा था ! इब थमनै पूछ ही लिया सै
तो भई सुण ताऊ का दर्दे-दिल .........!
यो जमाना घणघोर कलजुग का आग्या दिखै सै भाई ! पहले जमाने
मै दोस्त ऐसे हुआ करे थे कि दोस्त के लिये जान भी दे दिया करते थे !
पर आज कल तो दोस्त लोग इन्तजार ही करया करैं कि कब दोस्त
चक्कर मै चढै और इसके सर मे जूत पडवाण का मौका मिलै !
दोस्त लोगो से ताऊ की दो दिन की खुशी भी बर्दाश्त ना हुई !
अरे ताऊ नै आपका के बिगाडया था ? जो थम लोग ताई नै
राजी खुशी वापस घर छोड गे ? अर थम तैं ताऊ की दो दिन की
आजादी बर्दाश्त ना हुई ! यो तो सोच्या होता कि भई चलो ताऊ
नै पहलम दफ़ा मौका मिल्या सै ! चलो इसको भी मन की कर लेण दो !
अगर आपको ताऊ का यही हाल करना था तो भाई कुछ दिन तो
थ्यावस राखते ! पर थम तो दोस्त नही ताऊ के पिछले जन्म के
दुश्मन हो ! मन्नै बेरा है कि यो काम थमनै इस लिये ना करा कि
थमको ताई तैं कुछ प्रेम था बल्की थमको तो ताऊ तैं दुश्मनी
निकालनी थी ! इब तो पडगी थारै कालजे मैं ठन्डक ?
भई किसी भले आदमी नै कही थी कि आदमी अपने दुख मैं
दुखी नही होता पर उसतैं दुसरे का सुख नही देख्या जाता !
तो ताऊ का सुख थम लोगां तैं नही देखा गया ! और कर ली
अपने मन की ! और इस काम मैं दो तीन लोगां का हाथ सै !
और भाई हम तैं पुछो तो सबतैं ज्यादा हाथ इस काम मैं म्हारा
बडा भाई राज भाटिया जी का ही दिखै सै ! भाई ये भी म्हारी
तरिया रोह्तक के ही सैं ! इब आप ही देख ल्यो -- एक गाम
गली के हो के भी इन्होने ताऊ पै के जुल्म करे हैं ?
और इन पर सब तैं ज्यादा शक इस लिये पडरया सै कि
भाई इन्होने पहले दिन ही खुले आम धमकी दी थी !
इब थम खुद ही पढ ल्यो - ताऊ इसमै कुछ गलत बोलता होवै तो !
ताऊ मजा तो खुब आया थारी पोस्ट पढ कर लेकिन ,
पर लगे अब तुमहे मजा आये गा , यु ताई आप को
ढुढती ढुढती यहां आ गई इसे भेज रहा हु टेक्सी मे,
अब पता नही यह उसी हुलिये वाली ताई हे या दुसरी ?
जेसी भी हो समभाल लियो
और भाई उससे बढकर म्हारै तैं दुश्मनी काढण आला सै
यो दीपक थाणादार ! इसनै कहया था---
ताऊ मेरे ज्यादा मजे मत लो ! मेरा दिमाग सटक गया
तो ताई को ढुन्ढ ढान्ढ के वापस आपके घर पहुंचा दूंगा !
फ़िर रोते रहना मेरे नाम को ! :)
थाणेदार तन्नैं तो मैं मेरे गुरु डा. अमर कुमार धोरै ले जाकै
नही ठीक करवाया तो मेरा नाम भी ताऊ नही सै !
म्हारै गुरु नै तु इब्बी जाणता नही सै !
और भई भाटिया जी इब थम और हम तो एक ही जगह के
लाल सैं सो जब भी , जैसा भी मौका आयेगा , आपस मै ही
निपट सुलझ लेंगे ! दोन्य़ूं ही लालों के लाल सैं ! :) :)
इब भाई आगे यो हुआ की ताई वापस घर आ लगी !
और यार लोगां की इच्छा पूरी हो गई ! आते ही ताई
चिल्लाई -- क्युं तन्नै शरम नी आई जो तू मन्नै इक्कली
नै छोड कै भाज लिया ? आज तीन दिन हो लिये मैं मारी
मारी फ़िर रही सुं ! वो तो भला हो उस रोहतकी भाटिया का !
जो उसनै पिछाण कै मन्नै घर भेज दिया !
मेरे कुछ हो लेता तो तेरा के बिगडै था ?
ताऊ नै मन मे सोचा कि कुछ बिगडने के लिये ही तो छोड कै
आया था पर इन दोस्तां कि दोस्ती तैं तो दुश्मन आछे !
पर ताऊ चुप रह गया !
ताई फ़िर चिल्लाकै पुछण लाग गी -- वो थाणेदार नै मेरा के हुलिया
लिखाया तन्नै ? नाटी .... काली कोयल... कानी... ? अरे मेरे बरगी
सुथरी लुगाई तेरे खान दान मै भी नही आई सै इब तक !
तैं के समझ के बोल्या ये सब ? इब ताऊ की तो सीट्टी पिट्टी गुम !
ताऊ के समझ मे नही आया कि यो दुश्मनी किसनै निकाली सै ?
खैर बात मे ही बात रही ! हाथा पाई तक नही पहुंची !
यहां तक तो पता नही ताऊ की किस्मत आछी थी या ताई
किम्मै थकी थकाई थी ! ताऊ का कुटाव नही हुआ था !
पर बकरे की मां कब तक खैर मना सकै सै ? भई ताऊ
को तो जुते खाने थे और यार लोगों के साथ साथ किस्मत
भी शायद ये ही चाहवै थी ! रात को सोते सोते ताऊ नींद मे
ही जोर तैं चिल्लाण लाग ग्या ! ताई नैं भी जोर तैं
चिल्ला कै पुछ्या - के होग्या ? के आग लाग री सै ?
इतनी रात गये क्युं रुक्के मारण लाग रया सै ?
ताऊ को नींद मैं कुछ सुझ तो बैठी नही ! वो तो ये ही सोचे बैठा था
की ताई तो आई गई हो राखी सै ! और ताऊ को नींद मे सपने देखने
की पुरी छुट सै ! पर इस अक्ल के आन्धे ताऊ को यो नी बेरा कि - अगर
एक बार शादी करली तो फ़िर असल मे तो क्या सपने मे भी सपने
देखने की छुट ताईयों तैं नही मिल्या करती ! खैर साब ... ताऊ नींद
मै ही बोल्या- अर म्हारा चश्मा दे जरा जल्दी से ...
ताई नै पुछ्या - क्यों ? इब रात नै सोतै समय चशमें चढाकै कुणसी
जनेत मैं जाणा सै ?
ताऊ बोल्या - पहलम बार सपने मे इतनी सुथरी सुथरी (CUTE) सी
जवान जवान छोरियां मेरे तैं प्यार करण लाग री सै और मैं बिना
चश्मे के उनको ठिक से देख नही पा रहा हूं !
जरा जल्दी तैं म्हारा चश्मा दे दे ! देर मत कर !
इब साब, ताई को कुछ तो गुस्सा था पहले का ही !
क्योंकी यार लोगों ने ताऊ से दुश्मनी निकालने के लिये ताई
के कान , नाक, आन्ख और मुंह सब कुछ ताऊ के खिलाफ़
भर राखे थे ! और इब ताऊ कि यो बात सुण कै ताई तो बिल्कुल
चण्डी का रुप धर कै उठी और वहीं पास मैं पडा लठ्ठ उठा कै जोर
तैं बोली-- ले पकड चश्मा ...और पहला लठ्ठ बजाया ताऊ कै सर पै
........ और ये ले दुसरा भी ... और ये ले....तीसरा ...और... !
और साब इब ताई नै तो बेहिसाब लठ्ठ ताऊ के उपर बजा दिये !
ताऊ किसी तरह वहां तै उठ कर भाज लिया !
और ताई लठ लिये पीछे पीछे दौडण लाग री थी !
सांची सै भई जिस आदमी के दोस्त ऐसे हों तो दुश्मनों की क्या
जरुरत है ? :) :) :)
(भई ताऊ के हाड गोडे सारे टूटे पडे सें ! यदि कभी जुड़ गए तो
अगली पोस्ट लिखेगा ! नही तो भाई इब राम राम ले ल्यो ताऊ की !)
ये सवाल पूछा है मित्र पित्सबर्गिया ने ! थारा घणा धन्यवाद जो ताऊ का हाल पूछा !
ताऊ की संगत मै रह कै थम भी हरयाणवी आछी लिखण लाग गे हो !
थोड़े दिन ताऊ धोरे टिक गे तो असली ताऊ हो ल्योगे ! थारा मेल आया तब
ताऊ मलहम पट्टी करवा कै खटिया में पडा था ! इब थमनै पूछ ही लिया सै
तो भई सुण ताऊ का दर्दे-दिल .........!
यो जमाना घणघोर कलजुग का आग्या दिखै सै भाई ! पहले जमाने
मै दोस्त ऐसे हुआ करे थे कि दोस्त के लिये जान भी दे दिया करते थे !
पर आज कल तो दोस्त लोग इन्तजार ही करया करैं कि कब दोस्त
चक्कर मै चढै और इसके सर मे जूत पडवाण का मौका मिलै !
दोस्त लोगो से ताऊ की दो दिन की खुशी भी बर्दाश्त ना हुई !
अरे ताऊ नै आपका के बिगाडया था ? जो थम लोग ताई नै
राजी खुशी वापस घर छोड गे ? अर थम तैं ताऊ की दो दिन की
आजादी बर्दाश्त ना हुई ! यो तो सोच्या होता कि भई चलो ताऊ
नै पहलम दफ़ा मौका मिल्या सै ! चलो इसको भी मन की कर लेण दो !
अगर आपको ताऊ का यही हाल करना था तो भाई कुछ दिन तो
थ्यावस राखते ! पर थम तो दोस्त नही ताऊ के पिछले जन्म के
दुश्मन हो ! मन्नै बेरा है कि यो काम थमनै इस लिये ना करा कि
थमको ताई तैं कुछ प्रेम था बल्की थमको तो ताऊ तैं दुश्मनी
निकालनी थी ! इब तो पडगी थारै कालजे मैं ठन्डक ?
भई किसी भले आदमी नै कही थी कि आदमी अपने दुख मैं
दुखी नही होता पर उसतैं दुसरे का सुख नही देख्या जाता !
तो ताऊ का सुख थम लोगां तैं नही देखा गया ! और कर ली
अपने मन की ! और इस काम मैं दो तीन लोगां का हाथ सै !
और भाई हम तैं पुछो तो सबतैं ज्यादा हाथ इस काम मैं म्हारा
बडा भाई राज भाटिया जी का ही दिखै सै ! भाई ये भी म्हारी
तरिया रोह्तक के ही सैं ! इब आप ही देख ल्यो -- एक गाम
गली के हो के भी इन्होने ताऊ पै के जुल्म करे हैं ?
और इन पर सब तैं ज्यादा शक इस लिये पडरया सै कि
भाई इन्होने पहले दिन ही खुले आम धमकी दी थी !
इब थम खुद ही पढ ल्यो - ताऊ इसमै कुछ गलत बोलता होवै तो !
ताऊ मजा तो खुब आया थारी पोस्ट पढ कर लेकिन ,
पर लगे अब तुमहे मजा आये गा , यु ताई आप को
ढुढती ढुढती यहां आ गई इसे भेज रहा हु टेक्सी मे,
अब पता नही यह उसी हुलिये वाली ताई हे या दुसरी ?
जेसी भी हो समभाल लियो
और भाई उससे बढकर म्हारै तैं दुश्मनी काढण आला सै
यो दीपक थाणादार ! इसनै कहया था---
ताऊ मेरे ज्यादा मजे मत लो ! मेरा दिमाग सटक गया
तो ताई को ढुन्ढ ढान्ढ के वापस आपके घर पहुंचा दूंगा !
फ़िर रोते रहना मेरे नाम को ! :)
थाणेदार तन्नैं तो मैं मेरे गुरु डा. अमर कुमार धोरै ले जाकै
नही ठीक करवाया तो मेरा नाम भी ताऊ नही सै !
म्हारै गुरु नै तु इब्बी जाणता नही सै !
और भई भाटिया जी इब थम और हम तो एक ही जगह के
लाल सैं सो जब भी , जैसा भी मौका आयेगा , आपस मै ही
निपट सुलझ लेंगे ! दोन्य़ूं ही लालों के लाल सैं ! :) :)
इब भाई आगे यो हुआ की ताई वापस घर आ लगी !
और यार लोगां की इच्छा पूरी हो गई ! आते ही ताई
चिल्लाई -- क्युं तन्नै शरम नी आई जो तू मन्नै इक्कली
नै छोड कै भाज लिया ? आज तीन दिन हो लिये मैं मारी
मारी फ़िर रही सुं ! वो तो भला हो उस रोहतकी भाटिया का !
जो उसनै पिछाण कै मन्नै घर भेज दिया !
मेरे कुछ हो लेता तो तेरा के बिगडै था ?
ताऊ नै मन मे सोचा कि कुछ बिगडने के लिये ही तो छोड कै
आया था पर इन दोस्तां कि दोस्ती तैं तो दुश्मन आछे !
पर ताऊ चुप रह गया !
ताई फ़िर चिल्लाकै पुछण लाग गी -- वो थाणेदार नै मेरा के हुलिया
लिखाया तन्नै ? नाटी .... काली कोयल... कानी... ? अरे मेरे बरगी
सुथरी लुगाई तेरे खान दान मै भी नही आई सै इब तक !
तैं के समझ के बोल्या ये सब ? इब ताऊ की तो सीट्टी पिट्टी गुम !
ताऊ के समझ मे नही आया कि यो दुश्मनी किसनै निकाली सै ?
खैर बात मे ही बात रही ! हाथा पाई तक नही पहुंची !
यहां तक तो पता नही ताऊ की किस्मत आछी थी या ताई
किम्मै थकी थकाई थी ! ताऊ का कुटाव नही हुआ था !
पर बकरे की मां कब तक खैर मना सकै सै ? भई ताऊ
को तो जुते खाने थे और यार लोगों के साथ साथ किस्मत
भी शायद ये ही चाहवै थी ! रात को सोते सोते ताऊ नींद मे
ही जोर तैं चिल्लाण लाग ग्या ! ताई नैं भी जोर तैं
चिल्ला कै पुछ्या - के होग्या ? के आग लाग री सै ?
इतनी रात गये क्युं रुक्के मारण लाग रया सै ?
ताऊ को नींद मैं कुछ सुझ तो बैठी नही ! वो तो ये ही सोचे बैठा था
की ताई तो आई गई हो राखी सै ! और ताऊ को नींद मे सपने देखने
की पुरी छुट सै ! पर इस अक्ल के आन्धे ताऊ को यो नी बेरा कि - अगर
एक बार शादी करली तो फ़िर असल मे तो क्या सपने मे भी सपने
देखने की छुट ताईयों तैं नही मिल्या करती ! खैर साब ... ताऊ नींद
मै ही बोल्या- अर म्हारा चश्मा दे जरा जल्दी से ...
ताई नै पुछ्या - क्यों ? इब रात नै सोतै समय चशमें चढाकै कुणसी
जनेत मैं जाणा सै ?
ताऊ बोल्या - पहलम बार सपने मे इतनी सुथरी सुथरी (CUTE) सी
जवान जवान छोरियां मेरे तैं प्यार करण लाग री सै और मैं बिना
चश्मे के उनको ठिक से देख नही पा रहा हूं !
जरा जल्दी तैं म्हारा चश्मा दे दे ! देर मत कर !
इब साब, ताई को कुछ तो गुस्सा था पहले का ही !
क्योंकी यार लोगों ने ताऊ से दुश्मनी निकालने के लिये ताई
के कान , नाक, आन्ख और मुंह सब कुछ ताऊ के खिलाफ़
भर राखे थे ! और इब ताऊ कि यो बात सुण कै ताई तो बिल्कुल
चण्डी का रुप धर कै उठी और वहीं पास मैं पडा लठ्ठ उठा कै जोर
तैं बोली-- ले पकड चश्मा ...और पहला लठ्ठ बजाया ताऊ कै सर पै
........ और ये ले दुसरा भी ... और ये ले....तीसरा ...और... !
और साब इब ताई नै तो बेहिसाब लठ्ठ ताऊ के उपर बजा दिये !
ताऊ किसी तरह वहां तै उठ कर भाज लिया !
और ताई लठ लिये पीछे पीछे दौडण लाग री थी !
सांची सै भई जिस आदमी के दोस्त ऐसे हों तो दुश्मनों की क्या
जरुरत है ? :) :) :)
(भई ताऊ के हाड गोडे सारे टूटे पडे सें ! यदि कभी जुड़ गए तो
अगली पोस्ट लिखेगा ! नही तो भाई इब राम राम ले ल्यो ताऊ की !)
र ताऊ मन्नै तो पेली स बेरा था कि ये भाटिया जी चोखा दोस्त ना स.
ReplyDeleteथम फालतू म ही इनका चक्कर म पड़ लिया.
इब भुगतो.
थम कहो तो म आ जाऊँ ताई न समझान खातिर.
देख भतीजे .. ताऊ का हाड हाड फूट्या पड्या सै !
ReplyDeleteभाई अगर भाटिया जी की तरिया दोस्ती निभाणी
होवै तो थे कोलकाता मैं ही भला और किम्मै
ताऊ की भली चाहो तो पधारो ! भई लट्ठ
भी दिखै यो भाटिया जी नै MADE IN GERMANY
ही दिलवा दिए थे ताई नै !
बहुत दर्द होरया सै भई ! आह...
इब, यो मामला तो ग़मगीन हो गया दीखे. ताऊ वीसा दिला दे मन्ने जर्मनी का, मैं यो भाटिया भाई साब से बातचीत करूंगा - ये कोण सा तरीका निकाला गाम का नाम बदनाम करण का.
ReplyDeleteताऊ हमारी तरफ से ताई को बहुत धन्यवाद ! और
ReplyDeleteइस साल का वीरता पुरस्कार ताई को मिलना चाहिए !
अन्य महिलाओं को भी ताई से शिक्षा लेनी चाहिए !
अपनी रक्षा ख़ुद करो ! तभी सच्ची नारी स्वतन्त्रता
के कुछ मतलब होंगे ! ताई जिंदाबाद !
भाटिया जी पर तो मुझे बहुत पहले से शक था कि एक न एक दिन आपको पिटवाकर मानेंगे. उनकी तस्वीर देखकर ही समझ आ गई थी, कैसा धीरे से मुस्करा रहे हैं तस्वीर में. :) ताई को लट्ठ भी उन्होंने ही दिया जर्मनी वाला- - :) एक तो ताउ को पिटवा दिया और उधर चुटकुले सुना कर लोगों के साथ हँस रहे हैं. मैं भी हँस आया.
ReplyDeleteअब जो हुआ सो हुआ-ताई को धन्यवाद और नमस्ते कह देना हमारी और भाटिया जी की तरफ से. ताई जिंदाबाद !
ताऊ इब हाल कैसा है, गुस्से ने थूक दे इब वैसन भी भाटिया साब हैं तो थारे दुश्मन ही ना ना दोस्त ही। कुछ ना ताऊ इब ना करेंगे, वो बात हो ली है।
ReplyDeleteऔर ले ताऊ इब तू ताई तैं उलझने का मजा !!:)
ReplyDeleteबोल इब फेर कद पंगे लेगा ताई तैं ?
खबरदार फ़िर कभी ताई के साथ ऎसी हरकत करी तो !
भाटिया जी और थानेदार साहब ने वही किया
जो एक शरीफ इंसान को करना चाहिए था |
दोनों को धन्यवाद |
और ले ताऊ इब तू ताई तैं उलझने का मजा !!:)
ReplyDeleteबोल इब फेर कद पंगे लेगा ताई तैं ?
खबरदार फ़िर कभी ताई के साथ ऎसी हरकत करी तो !
भाटिया जी और थानेदार साहब ने वही किया
जो एक शरीफ इंसान को करना चाहिए था |
दोनों को धन्यवाद |
और ले ताऊ इब तू ताई तैं उलझने का मजा !!:)
ReplyDeleteबोल इब फेर कद पंगे लेगा ताई तैं ?
खबरदार फ़िर कभी ताई के साथ ऎसी हरकत करी तो !
भाटिया जी और थानेदार साहब ने वही किया
जो एक शरीफ इंसान को करना चाहिए था |
दोनों को धन्यवाद |
ताऊ तुम अपनी करनी का फल पाकर पिटे हो ! तुमने २० जून को "भूल्या ताऊ भेड़ खाई" पोस्ट में भी ऎसी ही हरकत की थी और तब भी पुलिस वालों से तुम पिटे थे ! और आगे ऐसा नही करने का वादा किया था ! पर तुम्हारी याद दास्त बुढापे की वजह से कमजोर हो चुकी है ! अब भी सुधर जावो ! और भाटिया जी या मेरे को दोष मत दो !
ReplyDeleteअबकी बार हमने ख़ुद ही तुम्हारा इलाज सीधे ताई से करवा दिया है ! मुझे मालूम है की थोड़े दिनों में तुम भूल जावोगे और फ़िर ऐसा ही कुछ उल जलूल काम करोगे ! और मैं और भाटिया जी फ़िर ताई की ही मदद करेंगे ! और अब ताई इतनी सीधी भी नही रही की तुम्हारी धौंस सहन करेगी !
ताई को भाटिया जी ने लट्ठ के साथ साथ जर्मन पिस्तौल भी दिलवा दिया है ! सो आगे होशियार रहना ! और तुम नही सुधरे तो अब महिला अत्याचार परिषद् वाली बहने भी तुम्हारा घेराव करेंगी ! और मैं और भाटिया जी तो खुले आम ताई के साथ हैं ! अब करलो जो करना हो ! :) :) :)
सुनो भाईयो वो ताई जो इतनी तोड फ़ोड कर के गई हे, उस का भुगतान कोन करे गा, भाई इन लोगो ने दो दिन से मुझे केद कर के रखा हे, आज बरसात का लाभ उठा के भाग आया, ओर सुनो ताई के पास लट्ठ नही उस का हाथ ही लट्ठ जेसा हे, सवुत के तोर पर देख लो दो सिपाही मेडिकल मे भर्ती हो गये इस ताई के कारण,
ReplyDeleteभाई ताऊ मे तो तेरा भला करु था तु मेरे को ही दुशमन समझने लगा,चलो ताई को थोडे दिन कानाडा मे समीर भाई के यहा भेज दो, फ़िर शान्ति,पुजा, जिस के साथ भी रहियो, मेन्ने के
tau ka dhyaan rakho bhai.gussiyaane mat do..bp ho jayega......
ReplyDeleteताऊ अब जो हुआ सो हुआ ! अब लड़ाई झगडा
ReplyDeleteछोडो और अगली पोस्ट लिखो ! इंतजार कर रहे हैं !
ताऊ बोल्या - पहलम बार सपने मे इतनी सुथरी सुथरी (CUTE) सी
ReplyDeleteजवान जवान छोरियां मेरे तैं प्यार करण लाग री सै और मैं बिना
चश्मे के उनको ठिक से देख नही पा रहा हूं !
जरा जल्दी तैं म्हारा चश्मा दे दे ! देर मत कर !
मैंने अनेको बार आपका लेख पढा ! आप ताऊ के रूप में व्यंग तो ख़ुद पर करते हैं ! पर आपका ऊपर लिखा कथन बता रहा है की ये सारे काम हम भी कर रहे हैं ! अब मुझे समझ आ गया की आप हमको ताऊ बना रहे हो !
आप ऐसे ही लिखते रहिये ! थोड़ी सी हरयाणवी समझने में दिक्कत होती है ! हो सके तो हिन्दी शब्दों का ज्यादा प्रयोग कीजिये |
ताऊ धन्यवाद | और अब ताई से झगडा मत करना ! :)
ताऊ बोल्या - पहलम बार सपने मे इतनी सुथरी सुथरी (CUTE) सी
ReplyDeleteजवान जवान छोरियां मेरे तैं प्यार करण लाग री सै और मैं बिना
चश्मे के उनको ठिक से देख नही पा रहा हूं !
जरा जल्दी तैं म्हारा चश्मा दे दे ! देर मत कर !
मैंने अनेको बार आपका लेख पढा ! आप ताऊ के रूप में व्यंग तो ख़ुद पर करते हैं ! पर आपका ऊपर लिखा कथन बता रहा है की ये सारे काम हम भी कर रहे हैं ! अब मुझे समझ आ गया की आप हमको ताऊ बना रहे हो !
आप ऐसे ही लिखते रहिये ! थोड़ी सी हरयाणवी समझने में दिक्कत होती है ! हो सके तो हिन्दी शब्दों का ज्यादा प्रयोग कीजिये |
ताऊ धन्यवाद | और अब ताई से झगडा मत करना ! :)
"पर आज कल तो दोस्त लोग इन्तजार ही करया करैं कि कब दोस्त चक्कर मै चढै और इसके सर मे जूत पडवाण का मौका मिलै !"
ReplyDeleteबहुत शानदार लिखा है ! मजा आ गया !
Very good......
ReplyDeleteहाहाहाहा
ReplyDeleteताउजी, गलती तो आपकी ही थी न?? क्यूँ ऐसा अपना देखा?? अब तो आपको सात जनम तक सपने में भी ताई को ही देखना पड़ेगा वरना ताई के साथ साथ नारी-मुक्ति वाले भी आपके पीछे पड़ जायेंगे. और सोचिये जरा एक ताई ने यह हाल किया है तो.............
ताऊ जी राम राम
ReplyDeleteअब क्या हाल हैं आपके, वैसे गलती आपकी है ताई की नहीं, ताई ने तो वोही किया जो ऐसे में कोई भी नारी होती तो करती। ताई के होते किसी और को सपने में भी देखने का पाप क्यों किया आपने। अब खाओ ताई की मार।
मरवा दिया ताऊ तेरे को यारों ने , अपनी आंखे खोल ले अब तो ! कुछ दिन मेरे घर आजा, इन सबका नाम भूल के ....!
ReplyDeleteआप बहुत अच्छा काम कर रहे हो, बधाई दोस्त, बहुत हंसाते हो !
भाई रामपुरिया जी, नमस्कार. हरियाणावासी मध्यप्रदेश में क्या गुल खिला रहे हैं. आप कम से कम अपनी धरोहर को तो जिंदा किए हैं.
ReplyDeleteमुकुंद
09914401230